एक महीने में थाने में जमा करानी होगी ई सिगरेट, तय समय से विज्ञापन होंगे बंद
खास बातें
- संबंधित पुलिस थाने में करना होगा भंडारण जमा
- राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राज्यों को भेज दी जाएगी सूचना
- 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के भंडारण का अनुमान
- विभाग से पुलिस को मिलेगी जानकारी
ई सिगरेट और ई हुक्का पर प्रतिबंध लगने के बाद सरकारी तंत्र अब आगे की कार्रवाई में जुट गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम अधिसूचना लाने के लिए तैयारी कर रही है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने केबाद दो हफ्ते में सभी राज्यों तक इस बाबत सूचना भेज दी जाएगी। इसमें कानून किस दिन से लागू होना है, इसका भी जिक्र होगा। हालांकि तब तक के लिए व्यापारी ई सिगरेट और ई हुक्का से जुड़े तमाम उत्पादों का भंडारण नजदीकी पुलिस थाने में जमा करा सकते हैं। करीब एक महीने का वक्त इसके लिए मिल सकता है।
दिल्ली तंबाकू नियंत्रण अधिकारी डॉ. बीएस चरण बताते हैं कि किसी भी कानून के लागू होने से पहले एक निश्चित वक्त तय किया जाता है। ताकि उस कानून पर अमल की तैयारी हो सके। अभी तक दिल्ली सरकार के पास ई सिगरेट से जुड़ी लिखित जानकारी नहीं आई है।
केंद्र से लिखित में जानकारी मिलने के बाद यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि कानून किस दिन से लागू होना है और व्यापारियों को भंडारण हटाने के लिए कितने दिनों का वक्त दिया जाएगा। एक अनुमान है कि एक महीने के भीतर ही व्यापारियों को पूरा भंडारण जमा करना होगा। जबकि तय दिन से विज्ञापन पर रोक लग जाएगी। इसके बाद ई सिगरेट के निर्माण, बिक्री, ट्रांसपोर्ट, प्रचार इत्यादि पर प्रतिबंध लग जाएगा।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कैबिनेट के फैसले की जानकारी देने के बाद से सोशल मीडिया पर भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच एक बहस छिड़ चुकी है। इसमें एम्स से लेकर आईसीएमआर तक के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर मानते हैं कि ई सिगरेट पर प्रतिबंध नहीं, बल्कि इसका नियमन होना चाहिए था। जबकि इहबास अस्पताल के एक डॉक्टर का कहना था कि सरकार के इस फैसले का जनता को सहयोग देना चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट में भी ई सिगरेट को लेकर एक याचिका विचाराधीन है। पिछली सुनवाई में जब दिल्ली सरकार ने ई सिगरेट पर स्पष्ट नियम न होने का हवाला दिया था तो कोर्ट ने केंद्र को इस बारे में जानकारी देने के लिए नोटिस भेजा था। अब चूंकि केंद्र सरकार इसे कानून का रूप दे रहा है तो दिल्ली सरकार भी इस कानून के तहत अग्रिम कार्रवाई के लिए तैयार है।
दिल्ली तंबाकू नियंत्रण अधिकारी डॉ. बीएस चरण बताते हैं कि किसी भी कानून के लागू होने से पहले एक निश्चित वक्त तय किया जाता है। ताकि उस कानून पर अमल की तैयारी हो सके। अभी तक दिल्ली सरकार के पास ई सिगरेट से जुड़ी लिखित जानकारी नहीं आई है।
केंद्र से लिखित में जानकारी मिलने के बाद यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि कानून किस दिन से लागू होना है और व्यापारियों को भंडारण हटाने के लिए कितने दिनों का वक्त दिया जाएगा। एक अनुमान है कि एक महीने के भीतर ही व्यापारियों को पूरा भंडारण जमा करना होगा। जबकि तय दिन से विज्ञापन पर रोक लग जाएगी। इसके बाद ई सिगरेट के निर्माण, बिक्री, ट्रांसपोर्ट, प्रचार इत्यादि पर प्रतिबंध लग जाएगा।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कैबिनेट के फैसले की जानकारी देने के बाद से सोशल मीडिया पर भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच एक बहस छिड़ चुकी है। इसमें एम्स से लेकर आईसीएमआर तक के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर मानते हैं कि ई सिगरेट पर प्रतिबंध नहीं, बल्कि इसका नियमन होना चाहिए था। जबकि इहबास अस्पताल के एक डॉक्टर का कहना था कि सरकार के इस फैसले का जनता को सहयोग देना चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट में भी ई सिगरेट को लेकर एक याचिका विचाराधीन है। पिछली सुनवाई में जब दिल्ली सरकार ने ई सिगरेट पर स्पष्ट नियम न होने का हवाला दिया था तो कोर्ट ने केंद्र को इस बारे में जानकारी देने के लिए नोटिस भेजा था। अब चूंकि केंद्र सरकार इसे कानून का रूप दे रहा है तो दिल्ली सरकार भी इस कानून के तहत अग्रिम कार्रवाई के लिए तैयार है।
600 करोड़ रुपये से ज्यादा के भंडारण का अनुमान
ई सिगरेट के व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि दिल्ली में करीब 50 से ज्यादा थोक व्यापारियों के पास ई सिगरेट से जुड़ा काम है। इनके यहां करीब 600 करोड़ रुपये के आसपास की कीमत का भंडारण वर्तमान में मौजूद है। जबकि ब्रांडेड के नाम पर बाजार में उपलब्ध नकली उत्पादों की कोई सीमा ही नहीं है। ऐसे में व्यापारियों के आगे बड़ा सवाल है कि इसकी भरपाई कैसे होगी? अभी तक कंपनियों की ओर से भी भंडारण वापसी संबंधी कोई जानकारी उन तक नहीं पहुंची है। उन्होंने बताया कि नए भंडारण पर काफी समय से रोक लगी हुई है, लेकिन बाजार में मौजूद उत्पादों को लेकर वे भी परेशान हैं।