खास बातें
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में सामने आई स्थिति
- दिल्ली-चंडीगढ़ में बाहरी मरीजों की संख्या ज्यादा
- पोषण अभियान के तहत 427 करोड़ पहुंचे खाते में
एक साल में 21 लाख टीबी मरीजों की पहचान हुई है जिसमें से अकेले उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी मरीज सामने आए हैं। ये खुलासा बुधवार को जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन व केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने रिपोर्ट को जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में देश में 21.5 लाख टीबी मरीजों की पहचान हुई है। इसमें 25 फीसदी मरीजों की पहचान निजी अस्पतालों के जरिए हुई है। करीब 89 फीसदी टीबी मरीजों की आयु 15 से 69 वर्ष के बीच मिली है। पुरूषों में टीबी के केस ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।
मंत्रालय के अनुसार पूरे वर्ष में करीब दो तिहाई टीबी मरीज पुरूष मिले हैं। आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी से करीब 20 फीसदी मरीजों की हिस्सेदारी मिली है। यहां करीब 4.2 लाख टीबी रोगी मिले हैं। अगर प्रति एक लाख की आबादी को लेकर देखें तो यूपी में प्रति एक लाख में से 187 मरीज टीबी ग्रस्त पाए गए हैं।
यूपी के अलावा सर्वाधिक टीबी मरीज महाराष्ट्र 10 फीसदी, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात से सात-सात फीसदी एवं तमिलनाडू, बिहार व पश्चिम बंगाल से पांच-पांच फीसदी मरीजों की हिस्सेदारी मिली है।
हालांकि इस रिपोर्ट के जरिए मंत्रालय ने निजी अस्पतालों की भागेदारी पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। 21.5 लाख में से महज 25 फीसदी यानि करीब 5 लाख के आसपास मरीजों की पहचान निजी अस्पतालों में हुई है।
जबकि वर्ष 2016 में लासेंट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत में करीब 70 फीसदी आबादी निजी अस्पतालों के भरोसे है। इस अध्ययन में ये भी अनुमान लगाया गया था कि निजी अस्पतालों की भागेदारी बढने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य टीबी मुक्त भारत को वर्ष 2025 तक पूरा किया जा सकता है।
दिल्ली-चंडीगढ़ में बाहरी मरीजों की संख्या ज्यादा
मंत्रालय के अनुसार दिल्ली और चंडीगढ़ केंद्र शासित राज्यों में टीबी (क्षय) रोग की स्थिति कुछ अलग देखने को मिली है। यहां बाहरी राज्यों से आने वाले मरीजों की तादाद ज्यादा होने के कारण दिल्ली में 4.17 और चंडीगढ़ में 468 टीबी रोगियों की पहचान हुई है।
पोषण अभियान के तहत 427 करोड़ पहुंचे खाते में
मंत्रालय के अनुसार पोषण अभियान के तहत टीबी रोगियों के बैंक खाते में करीब 427 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता पहुंच चुकी है। इस अभियान के तहत प्रत्येक टीबी मरीज को प्रति माह 500 रुपये पोषण आहार के रूप में सरकार दे रही है। दावा है कि सिंतबर 2018 तक 72 फीसदी मरीजों के खाते में आर्थिक सहायता भेजी जा चुकी थी।