गुलाल उड़ाते, नाचते-गाते भगवान गणेशजी को धूमधाम से किया विदा

कोई वाहन पर, तो कोई ठेले पर। कई लोग तो अपने घर से बप्पा की मूर्ति को लेकर पैदल ही निकल पड़े थे। ढोल-ताशे बजाते हुए लोग आगे बढ़ रहे थे। गीता कॉलोनी से लेकर कालिंदी कुंज घाट पर सुबह-शाम सबसे ज्यादा विसर्जन किया गया। पर्याप्त मात्रा में लाईटिंग व सीसीटीवी आदि की व्यवस्था की गई थी। विसर्जन से पहले लोगों ने भगवान गणेश की पूजा की।
लक्ष्मीनगर में श्रीगणेश सेवा मंडल द्वारा दिल्ली के महाराजा के नाम से मशहूर श्रीगणेश की प्रतिमा को विसर्जित नहीं किया गया। पर्यावरण की दृष्टि से इस बार भी श्रीगणेश की फाइबर की मूर्ति बनाई गई थी, जिसे पूजा स्थल डीडीए, मिनी स्टेडियम, बैंक एंक्लेवसे लेकर मंगल बाजार, लक्ष्मीनगर, विकास मार्ग होते हुए पुन: पूजा स्थल तक विसर्जन यात्रा निकाली गई, जहां स्थानीय लोगों द्वारा छोटे गणेशजी की प्रतिमाओं को कृत्रिम तालाब में विसर्जित किया गया।
श्री गणेश सेवा मंडल के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र लड्डा ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद इस बार सरकार ने कृत्रिम तालाब बनाए हैं, जबकि वे काफी समय से इसे लेकर कवायद कर रहे हैं। पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से उन्होंने दिल्ली के महाराजा का विसर्जन नहीं किया। पिछले वर्ष भी ऐसा ही किया था, ताकि लोगों में पर्यावरण बचाव के प्रति संदेश जाए।