गंगा में मूर्ति विसर्जन पर लगेगा 50 हजार रुपये जुर्माना, सहायक नदियों में भी लागू होगा यह नियम

त्योहारी सीजन में यदि आपने गंगा या उससे जुड़ी किसी सहायक नदी में मूर्ति विसर्जन करने की योजना बनाई है तो इसका परिणाम 50 हजार रुपये का जुर्माना चुकाकर भुगतना पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण में बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए राज्यों को 15 बिंदु वाला दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें मूर्ति विसर्जन करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना वसूलने का आदेश दिया गया है। राष्ट्रीय क्लीन गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने ये दिशा-निर्देश 16 सितंबर को जारी किए थे। इनमें कहा गया है कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में किसी भी तरह के मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मिश्रा ने गणेश चतुर्थी, विश्वकर्मा पूजा, दशहरा, दीपावली, छठ पूजा और सरस्वती पूजा आदि त्योहारों की समाप्ति के सात दिन के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट देने के आदेश भी राज्यों के सरकारी अधिकारियों को दिए हैं। मूर्ति विसर्जन करने पर पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 50 हजार रुपये का जुर्माना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वसूलकर अपने पास जमा करेगा।
इसमें सभी जिलाधिकारियों को हर हाल में इन निर्देशों का पालन कराने के आदेश दिए गए हैं। गंगा व उसकी सहायक नदियों के सभी घाटों और मूर्ति विसर्जन में उपयोग किए जाने वाले स्थानों को चिह्नित कर इनकी बैरिकेडिंग के जरिए रोक लगाने को कहा गया है। नगर निगम क्षेत्रों में नदियों के किनारे मूर्ति विसर्जन के लिए अस्थायी तालाब की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया है।
12 सितंबर को एनएमसीजी ने की थी बैठक
बता दें कि एनएमसीजी ने 12 सितंबर को उत्तराखंड, झारखंड, बिहार और पश्चिमी बंगाल के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इन सभी से गंगा व उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन करने और पूजा सामग्री डालने पर सख्ती से रोक लगाने का आग्रह किया गया था। इसके बाद ही ये दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।