खास बातें
- एनआरसी को देशभर में लागू कराना चाहती है केंद्र सरकार, आज कोलकाता में अमित शाह
- सीएम ममता बनर्जी ने कहा- किसी भी हाल में नहीं लागू होने देंगे एनआरसी
- असम में 12 लाख हिंदू समेत 19 लाख लोगों का नाम एनआरसी से बाहर, सरकार ने बनाई है रणनीति
- एनआरसी लागू करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिक संशोाधन बिल पास कराना चाहती है सरकार
शाह ने बार-बार कहा कि पूरे देश में एनआरसी को लागू किया जाएगा जबकि राज्य की ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार ने पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लागू नहीं करने का संकल्प लिया है।
प्रदेश भाजपा नेताओं का कहना है कि इस सेमिनार में अमित शाह के संबोधन की अहमियत ज्यादा है, क्योंकि वह टीएमसी के सभी आरोपों और पार्टी द्वारा एनआरसी पर पैदा की गई गलतफहमियों का जवाब दे सकते हैं।
प्रदेश भाजपा के एक नेता ने बताया कि टीएमसी ने एनआरसी को लेकर राज्य में जानबूझकर दहशत पैदा करने की कोशिश की। अमित शाह जी हमें मुद्दे की स्पष्ट तस्वीर से अवगत कराएंगे और भय और सभी गलतफहमियों को दूर करेंगे।
असम, देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां एनआरसी की कवायद की गई है। एनआरसी की 31 अगस्त को प्रकाशित सूची में 19 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं है। इनमें से 12 लाख हिन्दू हैं। एनआरसी 1985 के असम समझौते के तहत और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई है।