क्या है मुंबई का आरे कॉलोनी मामला, जहां पेड़ों को बचाने के लिए सड़क पर उतरे लोग - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

शनिवार, 5 अक्तूबर 2019

क्या है मुंबई का आरे कॉलोनी मामला, जहां पेड़ों को बचाने के लिए सड़क पर उतरे लोग

क्या है मुंबई का आरे कॉलोनी मामला, जहां पेड़ों को बचाने के लिए सड़क पर उतरे लोग

Aarey Protest
Aarey Protest - फोटो : bharat rajneeti
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मुंबई के हरियाली भरे क्षेत्र आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाली सभी याचिकाएं खारिज करने के बाद शुक्रवार से पेड़ काटा जाना शुरू हो गया। मेट्रो विस्तार के लिए शुरू की गई पेड़ों की कटाई के विरोध में लोग 'चिपको आंदोलन' की तर्ज 'आरे बचाओ'(सेव आरे) आंदोलन कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने खदेड़ दिया और इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है।  आरे कॉलोनी में शनिवार सुबह तक मशीनों के जरिए करीब एक हजार पेड़ काटे जा चुके हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा और शिवसेना के गठबंधन एनडीए से वर्ली सीट के उम्मीदवार आदित्य ठाकरे 'सेव आरे' मुहिम चलाने वाले लोगों के पक्ष में उतरे हैं। उन्होंने कहा है कि मेट्रो विस्तार के नाम पर पेड़ों को काटना शर्मनाक है। 

आइए, जानते हैं आरे कॉलोनी विवाद के बारे में विस्तार से : 

साल 2014 में वर्सोवा से घाटकोपर तक शुरू हुए मुंबई मेट्रो के विस्तार की बात शुरू हुई तो पार्किंग शेड की जरुरत पड़ी। पार्किंग शेड के लिए जगह की जरुरत थी। 23,136 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में फ्लोर स्पेस इंडेक्स निर्माण होना था। मुंबई मेट्रो परियोजना से जुड़ी एजेंसी को फिल्म सिटी गोरेगांव वाले इलाके की आरे कॉलोनी पसंद आई। 

सघन पेड़ों वाला यह इलाका आरे जंगल भी कहलाता है। यहां पेड़ ही पेड़ थे, जबकि कंपनी को शेड बनाने के लिए मैदानी भाग चाहिए था। इसके लिए कंपनी को यहां पेड़ों की कटाई जरुरी थी। पेड़ों की कटाई को लेकर विरोध शुरू हो गया। विरोध के बाद राज्य सरकार ने कंपनी से मेट्रो शेड के लिए कोई और जगह तलाशने को कहा, जहां मैदानी भाग हो।  

कंपनी ने कोशिश तो की, लेकिन जगह मिल पाना मुमकिन नहीं हो पाया। ऐसे में कंपनी के सामने फिर से आरे जंगल का विकल्प था। शेड बनाने के लिए यहां 2702 पेड़ों की कटाई होनी थी। सेव आरे मुहिम चला रहे लोग ऐसे में कोर्ट की शरण में गए, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी। हाईकोर्ट द्वारा याचिकाएं खारिज करने के बाद शुक्रवार से पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई। 

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345