महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: पंकजा मुंडे बोलीं- मैं ही जनता के मन की मुख्यमंत्री, गरमाया माहौल

खास बातें
- अमित शाह की सभा में हुई नारेबाजी ने भाजपा में हलचल पैदा कर दी
- समर्थकों ने की नारेबाजी, गरमाया माहौल
- 2014 में भी सीएम बनने का किया था दावा
- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनौती
क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद राज्य राजनीतिक समीकरण बदल भी सकते हैं? 2014 में राज्य के मुख्यमंत्री पद को संभालने वाले देवेंद्र फडणवीस को पार्टी में 2019 में कोई चुनौती नहीं दिख रही है, लेकिन महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे की मौजूदगी में दशहरे पर बीड में अमित शाह की सभा में हुई नारेबाजी ने भाजपा में हलचल पैदा कर दी है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी के सभी नेताओं से कह दिया गया है कि उनके संसदीय या विधानसभा क्षेत्र में होने वाली सभाओं में कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं होना चाहिए क्योंकि सभा विधानसभा चुनाव के लिए हो रही है।
सूत्रों के अनुसार राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा के बीड में शक्ति प्रदर्शन से भाजपा के वरिष्ठ नेता हैरान हैं। अभी तक माना जा रहा था कि राज्य में फडणवीस को कोई चुनौती नहीं है। परंतु इस सभा में पंकजा ने अपने समर्थकों के बीच कहा था कि मैं लोगों के मन की मुख्यमंत्री हूं।
इसके बाद शाह के भाषण के दौरान पंकजा के समर्थक पूरे समय नारेबाजी करते रहे कि ‘हमारी मुख्यमंत्री कैसी हो, पंकजा मुंडे जैसी हो’। इस नारेबाजी के बीच शाह को अपना भाषण जल्दी खत्म करना पड़ा था।
सूत्रों की मानें तो पंकजा के इस शक्ति प्रदर्शन से वरिष्ठ नेता खुश नहीं हैं क्योंकि इसके कई राजनीतिक संकेत गए हैं। हालांकि शाह के भाषण के दौरान हो रही नारेबाजी के वक्त पंकजा लोगों को हाथ जोड़कर शांत रहने की कोशिश कराती रहीं।
बाद में उन्होंने शाह से कहा कि उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि जनता इस तरह उत्तेजित हो जाएगी। पंकजा बीड जिले की परली विधानसभा सीट से भाजपा की विधायक हैं। उन्हें पार्टी ने फिर यहीं से टिकट दिया है।
सूत्रों के अनुसार राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा के बीड में शक्ति प्रदर्शन से भाजपा के वरिष्ठ नेता हैरान हैं। अभी तक माना जा रहा था कि राज्य में फडणवीस को कोई चुनौती नहीं है। परंतु इस सभा में पंकजा ने अपने समर्थकों के बीच कहा था कि मैं लोगों के मन की मुख्यमंत्री हूं।
इसके बाद शाह के भाषण के दौरान पंकजा के समर्थक पूरे समय नारेबाजी करते रहे कि ‘हमारी मुख्यमंत्री कैसी हो, पंकजा मुंडे जैसी हो’। इस नारेबाजी के बीच शाह को अपना भाषण जल्दी खत्म करना पड़ा था।
सूत्रों की मानें तो पंकजा के इस शक्ति प्रदर्शन से वरिष्ठ नेता खुश नहीं हैं क्योंकि इसके कई राजनीतिक संकेत गए हैं। हालांकि शाह के भाषण के दौरान हो रही नारेबाजी के वक्त पंकजा लोगों को हाथ जोड़कर शांत रहने की कोशिश कराती रहीं।
बाद में उन्होंने शाह से कहा कि उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि जनता इस तरह उत्तेजित हो जाएगी। पंकजा बीड जिले की परली विधानसभा सीट से भाजपा की विधायक हैं। उन्हें पार्टी ने फिर यहीं से टिकट दिया है।
2014 में भी सीएम बनने का किया था दावा
पंकजा की मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा नई नहीं हैं। राज्य में पिता की राजनीतिक विरासत को मजबूती से संभल रहीं पंकजा ने 2014 के चुनाव नतीजों से पहले साफ कहा था कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हूं क्योंकि इसके लिए मेरा नाम आ रहा है। हालांकि बाद में देवेंद्र फडणवीस इस रेस में जीते थे।
भाजपा ने अपने विरुद्ध खडे़ चार बागियों को किया बाहर
भाजपा ने पार्टी के खिलाफ खडे़ हुए चार बागियों को बाहर निकाल दिया है। प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने यह आदेश जारी किया। भंडारा के तुमसर से चरण वाघमारे, मुंबई के मीरा-भाईंदर से गीता जैन, मावल के पिम्परी-चिंचवाड़ से बालासाहेब ओह्वाल और अहमदपुर लातूर से दिलीप देशमुख को भाजपा से बाहर किया गया है। ये सभी भाजपा के उम्मीदवारों के विरुद्ध निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे हैं। हालांकि कुछ और बागी मैदान में हैं।