प्रतिबंधित हथियार के साथ पकड़े जाने पर पूरी उम्र कटेगी जेल में, आर्म्स एक्ट में होगा संशोधन
खास बातें
- 35 लाख के करीब हथियार लाइसेंस जारी किए गए हैं देश में
- 13 लाख हथियार लाइसेंस हैं अकेले उत्तर प्रदेश के पास
- 3.7 लाख लाइसेंसी हथियारों के साथ दूसरे नंबर पर जम्मू-कश्मीर
- 3.6 लाख सक्रिय बंदूक लाइसेंस हैं पंजाब के निवासियों पर
प्रतिबंधित हथियारों की खरीद-बेच के अवैध रूप से चल रहे बड़े कारोबार पर सरकार ने चोट करने की तैयारी कर ली है। जल्द ही प्रतिबंधित हथियार के साथ पकड़े जाने वाले को दोष सिद्ध होने पर अपनी पूरी उम्र जेल की सलाखों के पीछे बितानी पड़ेगी। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने करीब छह दशक पहले लागू किए गए आर्म्स एक्ट-1959 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना प्रतिबंधित या अवैध हथियार के साथ पकड़े जाने पर आर्म्स एक्ट के तहत मिलने वाली सजा को भी दोगुना करने की है।
संशोधित आर्म्स एक्ट के ड्राफ्ट में हथियारों की अवैध सप्लाई, हथियारों व उनके उपकरणों की निर्माणकर्ता से उपयोगकर्ता तक की ट्रैकिंग, संगठित अपराध, संगठित अपराध सिंडिकेट और शादी-ब्याह में होने वाली सेलीब्रेेटी फायरिंग आदि को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है और इनके लिए सजा का प्रावधान रखा गया है।
अधिकारी ने बताया कि संशोधित विधेयक पर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और मणिपुर के गृह सचिवों और पुलिस महानिदेशकों से राय ली जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक को आगामी शीत सत्र में संसद में पेश करेगी। हालांकि कुछ प्रावधानों पर और चर्चा की मांग को देखते हुए इसे अगले बजट सत्र तक भी टाला जा सकता है।
दो से ज्यादा लाइसेंस पर प्रतिबंध
आर्म्स (संशोधन) विधेयक के ड्राफ्ट में दिए गए प्रावधानों के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अब अधिकतम दो लाइसेंसी बंदूक ही रख पाएगा। यदि किसी के पास तीन लाइसेंसी हथियार हैं, तो उसे कानून के संसद में पारित होने के 90 दिन के अंदर एक हथियार सरकार या शस्त्र विक्रेता के पास जमा कराना होगा, क्योंकि सरकार किसी एक व्यक्ति को कई लाइसेंस जारी करने को प्रतिबंधित करने जा रही है। हालांकि इसमें पिछले दो साल के अंदर नेशनल या इंटरनेशनल निशानेबाजी टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके खिलाड़ियों को .22 कैलिबर की राइफल तीसरे हथियार के तौर पर रखने की छूट होगी।
इन धाराओं में बदलाव
- धारा 25(1एए)- इसमें अवैध हथियारों का निर्माण करने, बिक्री करने, मरम्मत करने या उन्हें रखने के लिए न्यूनतम 7 वर्ष व अधिकतम 14 वर्ष की सजा को बदलकर न्यूनतम सजा 14 वर्ष व अधिकतम सजा के तौर पर ताउम्र जेल में रहने का प्रावधान कर दिया गया है।
- धारा 25(6)- इस धारा को संशोधित प्रस्ताव में शामिल किया गया है, जिसमें किसी संगठित सिंडिकेट के सदस्य द्वारा प्रतिबंधित हथियार का इस्तेमाल करने पर न्यूनतम 10 साल व अधिकतम सजा के तौर पर ताउम्र जेल में रहने का प्रावधान किया गया है।
- शस्त्र विक्रेता को सजा- संशोधन में प्रतिबंधित हथियार या उसके उपकरण आयात करने, बेचने या खरीदने को अवैध व्यापार की श्रेणी में रखा गया है और इन हथियारों की मार्किंग में छेड़छाड़ करने वाले शस्त्र विक्रेता को 7 साल जेल की सजा देने का प्रावधान रखा गया है।
देश में वैध हथियार
- 35 लाख के करीब हथियार लाइसेंस जारी किए गए हैं देश में
- 13 लाख हथियार लाइसेंस हैं अकेले उत्तर प्रदेश के पास
- 3.7 लाख लाइसेंसी हथियारों के साथ दूसरे नंबर पर जम्मू-कश्मीर
- 3.6 लाख सक्रिय बंदूक लाइसेंस हैं पंजाब के निवासियों पर
- 1980 व 1990 के दशक में आतंकियों से बचाव के नाम पर जारी हुए पंजाब में अधिकतर लाइसेंस