जिनपिंग के दौरे से पहले चीन के बदले सुर, कहा- भारत-पाक बातचीत से ही सुलझाएं कश्मीर मुद्दा - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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बुधवार, 9 अक्टूबर 2019

जिनपिंग के दौरे से पहले चीन के बदले सुर, कहा- भारत-पाक बातचीत से ही सुलझाएं कश्मीर मुद्दा

जिनपिंग के दौरे से पहले चीन के बदले सुर, कहा- भारत-पाक बातचीत से ही सुलझाएं कश्मीर मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग - फोटो : bharat rajneeti

खास बातें

  • जिनपिंग के भारत दौरे से पहले चीन के बदले सुर
  • पाक पीएम इमरान खान दो दिन की यात्रा पर चीन पहुंचे
  • चीन ने कहा- कश्मीर मुद्दे को बातचीत से ही सुलझाना चाहिए
  • बुधवार को चीन जिनपिंग के 24 घंटे लंबे भारतीय दौरे की घोषणा कर सकता है
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले चीन के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं। चीन ने कश्मीर को लेकर यूएन में रखे अपने रुख से पलटी मारी है। पाक पीएम के चीनी राष्ट्रपति से मिलने पहुंचने के मौके पर मंगलवार को चीन ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को बातचीत से सुलझाना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने इमरान-जिनपिंग की मुलाकात पर कहा, कश्मीर को लेकर चीन का रुख स्पष्ट है, इसे दोनों देशों को बातचीत से ही सुलझाना होगा। वहीं इससे पहले छह अक्तूबर को चीन ने बयान जारी कर अनुच्छेद 370 को खत्म करने और लद्दाख को अलग केंद्र शासित राज्य बनाने का विरोध जताया था। अब जबकि चीनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा प्रस्तावित है चीन ने अपना नजरिया बदल लिया है। पाक पीएम इमरान खान दो दिन की यात्रा पर चीन पहुंचे हैं।

द्विपक्षीय संबंध प्रभावित नहीं होने चाहिए

चीनी राजदूत सुन वेडॉन्ग ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं होने देने की वकालत की। चीनी राजदूत सुन वेडॉन्ग ने कहा कि दोनों देशों को अपने मतभेदों का हल क्षेत्रीय स्तर पर ही वार्ता के जरिए तलाशना चाहिए और संयुक्त रूप से क्षेत्र में शांति कायम रखने की दिशा में काम करना चाहिए।

राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भारत दौरे पर शुक्रवार को पहुंचना है, लेकिन अभी तक दोनों ही देशों की तरफ से उनके आगमन की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। इसे कश्मीर मुद्दे पर दोनाें पक्षों के बीच असहजता का संकेत माना जा रहा है। संभावना है कि चीन बुधवार को जिनपिंग के 24 घंटे लंबे भारतीय दौरे की घोषणा कर सकता है।

नहीं चली एक भी गोली

वेडॉन्ग ने भी माना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता से पहले दोनों देशों के संबंधों में कुछ तल्खी नजर आ रही है। उन्होंने कहा, दो पड़ोसियों के बीच में मतभेद होना सामान्य बात है। लेकिन पिछले एक दशक से भारत-चीन सीमा पर एक भी गोली नहीं चली है। उन्होंने कहा कि दोनों देश एशिया की उभरती हुई महाशक्तियां हैं। सीमा विवाद से दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का विकास प्रभावित नहीं होना चाहिए। भारत और चीन के रिश्तों को बड़ी तस्वीर के रूप में देखना चाहिए, जिसमें सीमा विवाद एक छोटा सा कोना है।

वेडॉन्ग ने कहा, भारत और चीन को मतभेदों के प्रबंधन से परे जाते हुए सकारात्मक ऊर्जा के संचय के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विकास के लिए अधिक से अधिक सहयोग करने की दिशा में काम करना चाहिए। चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के बड़े व्यवसायिक साझेदार हैं। इस साझेदारी को बढ़ाने में ही दोनों देशों का फायदा होगा। भारत-चीन संबंधों की वैश्विक व रणनीतिक अहमियत पर गौर करते हुए वेडॉन्ग ने कहा, दोनों पक्षों को रणनीतिक कम्युनिकेशन मजबूत करना चाहिए और आपसी राजनीतिक विश्वास को बढ़ाना चाहिए।

हुआवे के विवाद का भी जिक्र किया

चीनी राजदूत ने हुआवे कंपनी के विवाद का भी जिक्र किया और उम्मीद जताई कि नई दिल्ली, चीनी कंपनियों को अपने देश में पारदर्शी, दोस्ताना और आसान व्यापारिक माहौल उपलब्ध कराएगी। चीनी राजदूत की यह टिप्पणी अमेरिका की तरफ से सभी देशों से की जा रही उस अपील के दौरान आई है, जिसमें अमेरिका ने सभी देशों से दिग्गज चीनी टेलीकॉम कंपनी हुआवे को अपने 5जी मोबाइल नेटवर्क से दूर रखने के लिए कहा है। भारत में भी 5जी सेवाओं का मोबाइल नेटवर्क पर ट्रायल शुरू होने जा रहा है, लेकिन अभी तक इसमें हुआवे को अनुमति देने या नहीं देने का फैसला नहीं किया गया है।

32 गुना बढ़ा है दोनों देशों में कारोबार

चीनी राजदूत ने अपने देश को भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बताया और कहा कि भारत उनका दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है। उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच 21वीं सदी शुरू होने से अब तक व्यापार करीब 32 गुना बढ़ोतरी के साथ तीन अरब डॉलर सालाना से 100 अरब डॉलर सालाना के करीब पहुंच गया है। उन्होंने कहा, 1000 से ज्यादा चीनी कंपनियों ने भारत में निवेश किया हुआ है, जो करीब आठ अरब डॉलर के बराबर है और इससे स्थानीय स्तर पर दो लाख नौकरियां सृजित हुई हैं। उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग बढ़ने की अभी बहुत संभावना बाकी है।

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