
- 4 सीटों पर सोमवार को कराई गई वोटिंग
- बंगाल में 3, उत्तराखंड में 1 सीट पर उपचुनाव
पश्चिम बंगाल की करीमपुर, खड़गपुर सदर और कालियागंज सीट पर सोमवार को वोट डाले गए थे. इन तीनों सीटों पर तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है. उत्तराखंड की पिथौरागढ़ सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर देखने को मिल रही है.
शुरुआती रुझान में 3 सीटों पर 3 अलग-अलग पार्टियां आगे चल रही हैं. खड़गपुर सदर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस और सीपीआई गठबंधन आगे है तो कालियागंज सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आगे चल रही है. करीमपुर सीट से सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) आगे चल रही है.
बंगाल की तीन सीटों पर कुल 18 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, माकपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं निर्दलीय भी चुनाव मैदान में चुनौती पेश कर रहे हैं.
बंगाल की 3 सीटों पर क्यों हुए उपचुनाव?
कालियागंज सीट कांग्रेस विधायक प्रमथनाथ राय के निधन के बाद खाली हुई थी जबकि खड़गपुर सीट से पिछली बार विधायक चुने गए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने लोकसभा चुनाव जीतने की वजह से इस्तीफा दे दिया था.वहीं करीमपुर की तृणमूल विधायक महुआ मित्रा ने भी कृष्णनगर संसदीय सीट से जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद से यह सीटें खाली थीं.
वहीं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ विधानसभा सीट त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल के कद्दावर मंत्री प्रकाश पंत के निधन से खाली हुई थी. इस सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने उनकी पत्नी चंद्रा पंत पर दांव खेला है, तो वहीं उनके मुकाबले के लिए कांग्रेस ने अंजू लुंठी को मैदान में उतारा है. चंद्रा और अंजू के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है.