न्यूज डेस्क,
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय अधिवेशन में संगठन के पदाधिकारियों ने वामपंथी विचारधारा के लोगों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश की सभ्यता और संस्कृति की विरासत को वामपंथी विचारधारा के इतिहासकारों ने नुकसान पहुंचाया है। अब इतिहास बदलने का वक्त आ गया है।
आगरा कॉलेज मैदान में चल रहे एबीवीपी के चार दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन शनिवार को मुख्य अतिथि जस्टिस एन नरसिम्हा रेड्डी ने सत्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु बनने की तरफ अग्रसर है। इसमें एबीवीपी की अहम भूमिका होगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एस सुब्बैया ने कहा कि रियासत से सियासत में बंधुओं को हिरासत में लेना, देश की विरासत कभी नहीं रही है। यह वो देश है जहां पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए भगवान राम 14 साल तक वन में रहे। श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर तीर्थयात्रा कराई।
'उस इतिहास को बदल देंगे'
उन्होंने कहा कि वामपंथी इतिहासकारों ने भारत की संस्कृति और सभ्यता पर विषैले तीर चलाए। हम ऐसे विषैले तीर चलाने वालों को खत्म कर देंगे। भारत का इतिहास वामपंथी इतिहासकारों ने लिखा है वो गलत है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी उस इतिहास को बदलने का संकल्प ले चुकी है।एस सुब्बैया ने कहा कि जब राष्ट्रीय भाषा हिंदी होगी, आयात-निर्यात डॉलर की जगह रुपये में होगा, कोई गरीब नहीं होगा, तभी राष्ट्र पुनर्निर्माण माना जाएगा। उद्घाटन सत्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल, डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरविंद कुमार दीक्षित पहुंचे।