
होमगार्ड के वेतन घोटाला के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति के तहत प्रदेश में बीते दो सप्ताह में 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
होमगार्ड ड्यूटी का फर्जी मस्टररोल बनाकर करोड़ों का वेतन घोटाला करने के मामले में गुरुवार को पुलिस ने लखनऊ में जिला कमांडेंट को गिरफ्तार किया है। इससे पहले बुधवार को इसी मामले में नोएडा पुलिस ने अलीगढ़ के मंडलीय कमांडेंट सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
ऑपरेशन-420 के तहत होमगार्ड के फर्जी और कूट रचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी धन का गबन करने के संबंध में बुधवार देर रात मुकदमा दर्ज किया गया और गुरुवार सुबह लखनऊ के जिला कमांडेंट कृपा शंकर पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया गया।
जिला कमांडेंट कृपा शंकर पाण्डेय पर फर्जी ड्यूटी लगाकर सरकारी धन के बंदरबांट का आरोप है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
होमगार्ड वेतन घोटाले में मंडल कमांडेंट समेत पांच गिरफ्तार
आपको बता दें कि इससे पहले बुधवार को होमगार्ड ड्यूटी का फर्जी मस्टररोल बनाकर करोड़ों का वेतन घोटाला करने के मामले में नोएडा पुलिस ने अलीगढ़ के मंडलीय कमांडेंट सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।गिरफ्तार मंडल कमांडेंट दो वर्ष तक नोएडा के जिला कमांडेंट थे। उस दौरान सबसे ज्यादा अवैध वेतन की निकासी हुई। अन्य आरोपियों में सहायक जिला कमांडेंट और तीन अवैतनिक प्लाटून कमांडर शामिल हैं। इस बीच, राज्य शासन ने पूरे प्रदेश में होमगार्ड ड्यूटी का सत्यापन करवाने का फैसला किया है।
एक हफ्ते में प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है। तब तक अक्तूबर तक का वेतन रोक दिया गया है। गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया, जुलाई 2019 में एक प्लाटून कमांडर ने वेतन में अनियमितता की शिकायत की थी। इसकी जांच एसपी सिटी ने की।
मई-जून के वेतन निकासी की जांच में पता चला कि सात लाख रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ है। ड्यूटी के फर्जी मस्टररोल बनाकर अवैध निकासी की जाती थी। इसमें जिला कमांडेंट की सहमति थी।
इसके बाद तत्कालीन जिला कमांडेंट (अब मंडलीय कमांडेंट, अलीगढ़) रामनारायण चौरसिया, सहायक जिला कमांडेंट सतीश चंद और अवैतनिक प्लाटून कमांडरों सत्यवीर यादव, शैलेंद्र कुमार व मोंटू कुमार को गिरफ्तार किया गया।
रामनारायण 2017 से 2019 तक गौतमबुद्धनगर के जिला कमांडेंट थे। पुलिस पांच साल पहले तक की वेतन निकासी की जांच करेगी। गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों का निलंबन तय है। बुधवार को इसकी पत्रावली मुख्यमंत्री के यहां भेजी गई, जिस पर जल्द फैसला होगा।