महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए बीजेपी विधायकों को जुटाने के काम में जुट गई है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए चार नेताओं की एक टीम भी बना दी है, जिसे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों से संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
- महाराष्ट्र में बीजेपी विधायकों को जुटाने के काम में जुटी
- कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना के पूर्व नेताओं को जिम्मेदारी
महाराष्ट्र में सरकार बनाने की लड़ाई मुंबई से लेकर दिल्ली तक जारी है. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को दोबारा मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी हैं. तीनों दलों ने सुप्रीम कोर्ट से फौरन फ्लोर टेस्ट कराए जाने के लिए आदेश देने की मांग की है.
इस बीच, विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए बीजेपी विधायकों को जुटाने के काम में जुट गई है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए चार नेताओं की एक टीम भी बना दी है, जिसे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों से संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बीजेपी ने नारायण राणे, राधाकृष्ण विखे पाटिल, गणेश नाइक और बबनराव पचपुते को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए बहुमत जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है. ये चारों नेता पहले शिवसेना या एनसीपी या फिर कांग्रेस में रह चुके हैं. ये चारों नेता राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं इसलिए बीजेपी ने यह जिम्मेदारी सौंपी है.
नारायण राणे
राज्यसभा सांसद नारायण राणे बीजेपी में शामिल होने के पहले लंबे समय तक शिवसेना और कांग्रेस में लंबे समय तक रहे हैं. दोनों ही दलों में राणे की अच्छी पैठ मानी जाती है. स्वयं राणे भी यह कह चुके हैं कि शिवसेना में उद्धव और कांग्रेस में अशोक चव्हाण को छोड़कर सभी मेरे दोस्त हैं. 1999 में शिवसेना की सरकार के मुख्यमंत्री भी रह चुके राणे की उद्धव से कभी नहीं पटी. 2005 में शिवसेना से निष्कासित होने के बाद राणे कांग्रेस में गए और वहां से निकलने के बाद महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष बनाया और अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं.
कांग्रेस से निष्काषित नारायण राणे बीजेपी में वापसी की कोशिश में थे. करीबी की वजह से बीजेपी भी उन्हें लेने को तैयार थी, लेकिन गठबंधन सहयोगी शिवसेना के कारण राणे का इंतजार लंबा होता चला गया. विधानसभा चुनाव के दौरान देवेंद्र फडणवीस के प्रयास से वह बीजेपी में शामिल हुए. अब देखना यह होगा कि क्या राणे के फडणवीस का कर्ज उतार पाएंगे या नहीं.
राधाकृष्ण विखे पाटिल
राधाकृष्ण विखे पाटिल कांग्रेस में थे और राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष थे और उन्होंने इसी साल कांग्रेस से इस्तीफा देकर जून में पूर्व की बीजेपी सरकार में मंत्री बने थे. उनके बेटे सुजय विखे पाटिल राज्य की अहमदनगर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं. ये कांग्रेस की अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. इनके पिता भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. विखे पाटिल कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं.
गणेश नाईक
गणेश नाईक को भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों को साधने का जिम्मा सौंपा गया है. विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. माना जा रहा है कि वह एनसीपी के कई नेताओं के संपर्क में हैं. नवीं मुंबई से बीजेपी के टिकट पर जीते गणेश नाईक एनसीपी और कांग्रेस की सरकार में 10 साल और उसके पहले शिवसेना में रहने के दौरान 3 साल तक कैबिनेट मंत्री थे. धाकड़ नेताओं में गिने जाने वाले गणेश नाईक लगातार 15 साल तक ठाणे जिले के पालक मंत्री भी रहे हैं.
बबनराव पचपुते
महाराष्ट्र में बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस के लिए जिन नेताओं को चुना है उनमें बबनराव पचपुते भी शामिल हैं. पचपुते उन नेताओं में शामिल रहे हैं जिन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी का दामन छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया था. बबनराव पचपुते भी सियासत के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं और कहा जाता है कि राजनीतिक गलियारे में इनके संबंध सबसे अच्छे माने जाते हैं.