अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश हैदराबाद की घटना को लेकर गुस्से में था. खासकर बहनें और माताएं. और उसके बाद उन्नाव की घटना उसी तरह से हुई. उन्नाव की घटना बीजेपी सरकार में पहली नहीं है. जो बेटी के साथ हुआ. वह बहादुर थी. उसकी आखिरी शब्द थे की वह जिंदा रहना चाहती थी. सफदरजंग के डॉक्टरों की कोशिशों के बाद भी उसकी जान नहीं बच पाई. हमारे लिए यह काला दिवस है. एक बेटी जो न्याय मांग रही थी हम उसे न्याय नहीं दे पाए.
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार के राज में यह पहली घटना नहीं है. याद कीजिए जब मुख्यमंत्री आवास के सामने एक बेटी न्याय मांग रही थी और उसे आत्मदाह की कोशिश करनी पड़ी तब जाकर मुकदमा लिखा गया. याद कीजिए बाराबंकी के उस बेटी की घटना जो यहीं मुख्यमंत्री आवास पर आई थी न्याय मांगने के लिए. उसने भी आत्मदाह किया और बाद में उसकी जान नहीं बची. उन्नाव की एक बेटी का तो पूरा परिवार खो दिया. कौन दोषी था, भारतीय जनता पार्टी की सरकार दोषी थी. यह बेटी जिसकी जान गई है तो उसके भी कोई दोषी हैं तो वह सरकार है क्योंकि सरकार की जानकारी में था.