CAA: 144 याचिकाओं पर 'सुप्रीम' सुनवाई आज, कोर्ट के बाहर से महिलाओं और बच्चों को खदेड़ा - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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बुधवार, 22 जनवरी 2020

CAA: 144 याचिकाओं पर 'सुप्रीम' सुनवाई आज, कोर्ट के बाहर से महिलाओं और बच्चों को खदेड़ा

  • देर रात सुप्रीम कोर्ट के बाहर इकट्ठा हो गई थीं महिलाएं, बच्चों भी थे साथ
  • नागरिकता कानून: शाहीन बाग का रास्ता खुलेगा या नहीं आज होगा तय
सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के वेबसाइट के मुताबिक, चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एक अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ सीएए से संबंधित 144 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
पुलिस ने कोर्ट के बाहर धरने पर बैठी महिलाओं और बच्चों को खदेड़ा
शीर्ष अदालत में विवादास्पद कानून पर सुनवाई से पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मंगलवार रात लगभग 20 महिलाएं और उनके साथ आए बच्चे एकत्र हो विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और वहीं धरने पर बैठ गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने गेट पर तोड़फोड़ की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें इलाके से खदेड़ दिया।

सीएए के समर्थन और विरोध में याचिकाएं

इनमें अधिकतर याचिकाएं सीएए के खिलाफ है जबकि कुछ याचिकाएं सीएए के समर्थन में भी डाली गई है। सीएए की संवैधानिक वैधता को इंडियन यूनियन ऑफ मुस्लिम लीग, पीस पार्टी, असम गण परिषद, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, जमायत उलेमा ए हिन्द, जयराम रमेश, महुआ मोइत्रा, देव मुखर्जी, असददुद्दीन ओवेसी, तहसीन पूनावाला व केरल सरकार सहित अन्य ने चुनौती दी है।

सीजेआई ने जताई थी चिंता

गत नौ जनवरी को चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए कहा था कि वह इस मामले में तभी सुनवाई करेंगे जब हिंसा रुकेगी। साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि देश कठिन दौर से गुजर रहा है।

सरकार को जारी किया था नोटिस

मालूम हो कि गत 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उस दिन अधिनियम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

शाहीन बाग में स्कूल बसों को रास्ता देने के लिए प्रदर्शनकारी तैयार

शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोग स्कूल बसों को रास्ता देने के लिए तैयार हो गए हैं। मंगलवार को राजनिवास पहुंचे शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल नेे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। उन्होंने उपराज्यपाल के समक्ष सीएए को समाप्त कराने की मांग रखी। उन्होंनेे प्रदर्शनकारियों को उनकी बात उपयुक्त मंच तक पहुंचाने का भरोसा दिया।

उपराज्यपाल ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बनाने में सहयोग दें। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि पिछले 39 दिन से सड़क बंद है। इस कारण स्कूली बच्चों, मरीजों, दैनिक यात्रियों व स्थानीय निवासियों को परेशानी हो रही है। लोगों की परेशानी को समझते हुए वे आंदोलन समाप्त कर दें।

प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल को भरोसा दिलाया कि वे शाहीन बाग जाकर क्षेत्र के दूसरे प्रदर्शनकारियों को सकारात्मक संदेश देंगे। उपराज्यपाल ने संबंधित पुलिस अधिकारियों को शाहीन बाग और दिल्ली में जहां भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं, वहां शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कानून के अनुसार सभी कदम उठाने के निर्देश दिए।

कोलकाता: सीएए व एनआरसी के खिलाफ वकीलों ने निकाली रैली

कलकत्ता हाईकोर्ट के वकीलों ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में मंगलवार को कोलकाता में एक रैली निकाली। इस रैली में विभिन्न राजनीतिक दलों से संबद्ध वकीलों ने हिस्सा लिया।

वकीलों की रैली ने एनआरसी और सीएए के खिलाफ बैनर व पोस्टर लेकर हाईकोर्ट परिसर का चक्कर लगाते हुए नारेबाजी की। रैली में माकपा नेता व कोलकाता के पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य के अलावा कांग्रेस नेता अरुणाभ घोष और तृणमूल कांग्रेस लायर्स सेल से जुड़े वकीलों ने भी हिस्सा लिया।

भट्टाचार्य ने कहा कि सीएए संविधान की भावना के विपरीत है और देश में धर्म के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है। घोष ने कहा कि संविधान के मुताबिक भारत धर्मनिरपेक्ष देश है और इसके कामकाज में धर्म की कोई भूमिका नहीं है।

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