
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा कि नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत को नहीं दर्शाता है। अमित शाह जी, अगर आप सीएए, एनआरसी का विरोध करने वालों की फिक्र नहीं करते हैं तो फिर आप इस कानून को लागू करवाने के लिए प्रयास क्यों नहीं करते हैं। जैसे की आपने देश को इसकी क्रोनोलॉजी समझाई थी।
पार्टी से अगल हैं प्रशांत किशोर के विचार
नागरिकता संशोधन कानून का जेडीयू ने संसद में समर्थन किया था। पार्टी के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में कानून के पक्ष में मतदान किया था। वहीं प्रशांत किशोर पार्टी लाइन से अलग हटकर लगातार सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं।प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को सीएए-एनआरसी का विरोध करने के लिए दिया था धन्यवाद
प्रशांत किशोर ने कुछ दिनों पहले सीएए और एनपीआर, एनआरसी का खुलकर विरोध करने के लिए कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी का धन्यवाद दिया था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि बिहार में सीएए भी लागू नहीं होगा।
वहीं बिहार जेडीयू पार्टी प्रमुख वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा था कि सीएए और एनपीआर पर प्रशांत किशोर के बयान का कोई मतलब नहीं है। पार्टी एनआरसी के विरोध में है लेकिन समस्या एनआरसी, सीएए और एनपीआर को मिलाकर देखने से हो रही है।