दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका गृह मामले पर सुनवाई को स्थगित कर दिया क्योंकि संबंधित न्यायाधीश अवकाश पर हैं। आज बृजेश ठाकपर सहित 19 दोषियों को सजा सुनाई जानी थी। दालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ सजा के बिंदु पर सुनवाई करनी थी। वर्तमान में सभी दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं।
इससे पहले 20 जनवरी को हुई सुनवाई में अदालत ने दोषियों को पॉक्सो कानून के तहत गंभीर लैंगिक हमले व सामूहिक दुष्कर्म का दोषी पाया था। इससे पहले 30 मार्च, 2019 को अदालत ने बृजेश ठाकुर सहित अन्य के खिलाफ दुष्कर्म और नाबालिगों के यौन शोषण का आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप तय किए थे।
सभी आरोपियों पर बलात्कार, यौन उत्पीड़न, नाबालिगों को नशा देने, आपराधिक धमकी समेत अन्य अपराधों के तहत मुकदमा चलाया गया था। अदालत ने बृजेश और बालिका गृह के कर्मचारियों के साथ ही सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को आपराधिक साजिश रचने, कर्तव्य में लापरवाही और उत्पीड़न की जानकारी देने में विफल रहने का दोषी ठहराया था।
अदालत ने सीबीआआई के वकील और 20 आरोपियों की आखिरी दलीलें सुनने के बाद 30 सितंबर 2019 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान कुछ कारणों की वजह से दोषी ठहराने के बिंदु पर सुनवाई के लिए अदालत को तीन बार तारीख बढ़ानी पड़ी थी। चौथी तारीख में अदालत ने बृजेश सहित 19 लोगों को दोषी ठहराया था।