
- इमरान खान को न्योता भेजेगा भारत
- SCO समिट के लिए भेजा जाएगा न्योता
- इस साल भारत के पास SCO समिट की मेजबानी
आमतौर पर SCO में सरकारों के प्रमुखों की मीटिंग में विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं. हालांकि, कुछ देशों के प्रधानमंत्री भी इसमें हिस्सा लेते हैं. भारत की बात की जाए तो उसकी तरफ से सरकारों के प्रमुखों की बैठक में विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं, जबकि SCO राष्ट्रप्रमुखों की मीटिंग में प्रधानमंत्री शिरकत करते हैं. क्योंकि पाकिस्तान भी SCO का सदस्य है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उसकी तरफ से कौन भारत आता है.
क्या है SCO?
SCO का जन्म औपचारिक तौर पर 2001 में हुआ. इसकी स्थापना चीन, रूस, कजाकस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर की. इस संगठन का मकसद आतंकवाद को रोकना और आर्थिक व सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाना था. भारत और पाकिस्तान को इस संगठन में काफी देरी से एंट्री मिली. साल 2017 में भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों को एक साथ इस संगठन के सदस्यों में शामिल किया. हालांकि, इससे पहले 2005 से ही भारत SCO में ऑब्जर्वर के तौर पर शिरकत कर रहा था.जून 2019 में बिश्केक में हुए SCO समिट में पीएम मोदी पहुंचे थे और उन्होंने यहां आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की थी. पीएम मोदी ने अपने भाषण में सदस्यों देशों से आह्वान किया था कि आतंकवाद के मुद्दे पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस बुलानी होगी और आतंकवाद का सफाया करने के लिए सबको एक होने की जरूरत है.
इस साल SCO समिट के लिए भारत को मौका मिला है. हाल ही में SCO के महासचिव व्लादिमीर नोरोव भारत दौरे पर थे, जिन्होंने समिट की तैयारियों का जायजा लिया.