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रविवार, 4 जुलाई 2021

Britain : जीते जी 'पत्थर' बन रही पांच महीने की मासूम, 20 लाख बच्चों में सिर्फ एक को होता है यह दुर्लभ रोग

इस बच्ची को दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है। उसकी मांसपेशियां हड्डियों में बदल रही हैं। चिकित्सा विज्ञान में इस जटिल बीमारी को फाइब्रोडिस्प्लासिया ओसिफिकंस प्रोग्रेसिवा कहा जाता है।
भारत में वज्र हृदय और पत्थर दिल इंसान जैसे शब्द चलन में है। ये व्यक्ति के कठोर दिल का संकेत करते हैं और ऐसे दिल वाला इंसान मजबूत माना जाता है, लेकिन ब्रिटेन में पांच माह की एक बच्ची की हैरान करने वाली सचाई सामने आई है। वह जटिल आनुवंशिक बीमारी से जूझ रही है। उसका जन्म इसी साल 31 जनवरी को हुआ था। उसका शरीर पत्थर में बदल रहा है। यह बीमारी मांसपेशियों को हड्डियों में बदल देती है।

इस बच्ची का नाम लेक्सी रॉबिन्स है। वह किसी भी सामान्य बच्चे की तरह लगती है, हालांकि वह अपना अंगूठा नहीं हिला पाती और उसके पैर की उंगलियां भी बड़ी हैं। जन्म के कुछ माह उसके माता-पिता उसे डॉक्टरों के पास ले गए। उसकी जांच में पता चला कि वह सीमित जीवन की बीमारी 'फाइब्रोडिस्प्लासिया ओसिफिकंस प्रोग्रेसिवा (एफओपी) से पीड़ित है। 20 लाख लोगों में से एक को यह बीमारी होती है।

इसलिए कहलाता है पत्थर का शरीर

अप्रैल में किए गए उसके एक्स-रे से पता चला कि उसके पैरों में जुड़वां अंगूठे थे। एफओपी बीमारी के कारण कंकाल के बाहर हड्डियां बनने लगती हैं। इसके कारण मरीज चलने-फिरने लायक नहीं रहता। माना जाता है कि यह मांसपेशियों और संयोजी ऊतकों, यानी टेंडन और लिगामेंट्स को हड्डी में बदल देता है। इसलिए कहा जाता है कि 'पत्थर का शरीर है'।

20 साल बिस्तर पर और अधिकतम उम्र 40 साल

एफओपी के शिकार मरीजों का कोई इलाज नहीं है। ऐसे लोग 20 साल की उम्र तक बिस्तर पर लेटे रहते हैं। उनकी अधिकतम आयु 40 साल होती है।

बच्चे को जन्म नहीं दे सकते

इस बीमार के शिकार लेक्सी हो या कोई और, वे मामूली झटका भी सहन नहीं कर सकते। गिरने की हालत में उनकी स्थिति तेजी से बिगड़ जाती है। ऐसे मरीज बच्चों को भी जन्म नहीं दे सकते। ये इंजेक्शन और वैक्सीन नहीं लगवा सकते हैं और यहां तक की दांतों का इलाज भी नहीं करा सकते हैं।

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