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रविवार, 11 जुलाई 2021
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Corona से उबरने के बाद अगर नहीं लगवाया टीका तो बहुत भारी पड़ सकता है डेल्टा
Corona से उबरने के बाद अगर नहीं लगवाया टीका तो बहुत भारी पड़ सकता है डेल्टा
कोरोना से उबरने के बाद अगर नहीं लगवाया टीका तो बहुत भारी पड़ सकता है डेल्टा
कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद टीका नहीं लगवाना बड़ी भूल साबित हो सकता है। ताजा शोध रिपोर्ट में दावा किया गया है कोरोना से उबरने के बाद टीका रहित लोगों के कोरोना के अल्फा वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने का खतरा चार गुना अधिक रहता है। नेचर जर्नल में प्रकाशित यह रिपोर्ट कोरोना से उबरे उन लोगों के भ्रम को दूर कर देती है, जो यह समझते हैं कि उन्हें टीका नहीं लगवाने के बावजूद अब जल्दी कोरोना संक्रमण नहीं होगा। विशेषज्ञों ने कोरोना से 12 महीने पहले संक्रमित पाए गए लोगों के सीरम के अध्ययन में पाया कि इनमें कोरोना के अल्फा वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ लड़ने की क्षमता चार गुना कम थी।
डेल्टा के खिलाफ दोनों खुराक जरूरी:
शोधकर्ताओं ने पाया की कोविशील्ड और फाइजर जैसे टीके की केवल एक खुराक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 10 फीसदी से ज्यादा प्रभावी नहीं हैं, इसलिए दोनों खुराक लेना जरूरी है। यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने दोनों खुराक ली थी, उनमें से 95 फीसदी लोगों में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ असरदार एंटीबॉडी मिली। ब्रिटेन में किए गए एक अन्य शोध में डेल्टा के खिलाफ फाइजर और बायोएनटेक के टीके की दोनों खुराक 80 फीसदी असरदार पाई गई, जबकि कोविशील्ड की दोनों खुराक का असर भी 60 फीसदी से अधिक था।
अल्फा, बीटा और डेल्टा का अध्ययन:
शोध के दौरान टीके की केवल एक खुराक लेने वालों के रक्त का नमूना लिया गया। इसके बाद इन नमूनों को कोरोना के अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ परखा गया। अल्फा वेरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन के केंट में, बीटा वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में और डेल्टा वेरिएंट सर्वप्रथम भारत में मिला था। अध्ययन में पाया गया एक खुराक से शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बनतीं।
दुनियाभर में 70 फीसदी नए मामलों की वजह डेल्टा:
वैश्विक स्तर पर पाए जाने वाले कुल नए कोरोना संक्रमण में से 70 फीसदी की वजह डेल्टा वायरस है। ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण में डेल्टा वेरिएंट का योगदान 96 फीसदी से अधिक है, तो फ्रांस में यह योगदान 40 फीसदी है। यह अमेरिका में भी अपने पांव तेजी से पसार रहा है। ब्रिटेन में शुक्रवार को एक दिन में साढ़े 35 हजार से अधिक नए संक्रमित मिले और आशंका जताई जा रही है कि प्रतिदिन के संक्रमण का यह आंकड़ा एक लाख को पार कर सकता है। डेल्टा के कारण इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इजरायल और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में मामले तेजी से बढ़े हैं।
त्रिपुरा में डेल्टा प्लस का कहर
भारत के कई राज्यों में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के कई मामले मिल चुके हैं। लेकिन त्रिपुरा इस वेरिएंट का हॉटस्पॉट बनकर उभरा है। त्रिपुरा से लिए गए नमूनों की जांच में 90 फीसदी लोग डेल्टा प्लस से संक्रमित पाए गए। बड़ी संख्या में संक्रमण को देखते हुए राज्य में वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया गया है। राज्य के अधिकारियों के मुताबिक 151 नमूने पश्चिम बंगाल की एक सरकारी प्रयोगशाला में भेजे गए थे, जिनमें से 138 नमूने डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाए गए।
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