खुफिया एजेंसियों ने किसानों के संसद मार्च के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा बवाल की आशंका जताई है। अपनी रिपोर्ट में सरकार को सुरक्षा बढ़ाने की सलाह दी है। बता दें कि किसानों ने 22 जुलाई से संसद कूच का एलान किया है। इससे पहले ही लोगों के मोबाइल पर भड़काऊ फोन कॉल्स पहुंच रही हैं।
किसानों के संसद कूच के दौरान असामाजिक तत्व बवाल करा सकते हैं। इसे लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं और लोगों के मोबाइल पर कॉल भी आ रही है। इनमें बवाल के लिए उकसाने वाली भड़काऊ बयानबाजी शामिल है। इस आशंका को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की सलाह दी है। वहीं रिपोर्ट के बाद 26 जनवरी जैसी किसी अप्रिय घटना के मद्देनजर सुरक्षा बल सतर्क हो गए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 22 जुलाई को संसद कूच का एलान कर रखा है। इसके तहत 22 राज्यों के संगठनों से करीब 200 किसान नेता संसद कूच करेंगे। किसान नेता सिंघु बॉर्डर से बसों में बैठकर दिल्ली जाएंगे और संसद से पहले मार्च करेंगे। खुफिया एजेंसियों ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी है कि किसानों के कूच के दौरान असामाजिक तत्व बवाल करा सकते हैं। इसके लिए किसानों व अन्य लोगों को उकसाया जा रहा है।
अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने पहले वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था और केसरी झंडा, तलवार लेकर दिल्ली में घुसकर संसद पर कब्जा करने की बात कही थी। अब किसानों के मोबाइल पर लगातार कॉल आ रही है। इसमें पंजाब को आजाद कराने समेत कई अन्य उकसाने वाली बातें कही जा रही हैं। इसमें भी वही भड़काऊ बातें दोहराई जा रही हैं।
अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने किसानों को उकसाने के लिए वीडियो जारी किया था और अब मोबाइल पर कॉल करने की बात भी पता चली है। हम पूरी तरह सतर्क हैं, इसलिए ऐसी व्यवस्था की गई है कि कोई बाहरी व असामाजिक तत्व संसद कूच में शामिल न हो। सभी के पहचान पत्र बनाए जाएंगे और उसके बाद ही बस में बैठाया जाएगा। दिल्ली में पहुंचने पर भी सभी के पहचान पत्र की जांच होगी। हम नहीं चाहते कि 26 जनवरी की तरह कोई किसानों के बीच घुसकर बवाल करे।- बलबीर सिंह राजेवाल, सदस्य संयुक्त किसान मोर्चा।
इस तरह की जानकारी मिलने पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। साथ ही कोई अप्रिय घटना न हो, उसके लिए कड़ी नजर रखी जा रही है। किसान नेताओं से बातचीत की गई है कि कोई भी असामाजिक तत्व दिखाई देता है तो पुलिस को तुरंत सूचित किया जाए। पुलिस व सुरक्षा बलों के जवान भी सतर्क हैं। - जश्नदीप रंधावा, एसपी।