ICMR: संक्रमण से ठीक होने वालों को वैक्सीन की एक खुराक ही पर्याप्त - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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गुरुवार, 1 जुलाई 2021

ICMR: संक्रमण से ठीक होने वालों को वैक्सीन की एक खुराक ही पर्याप्त

  • असम और जम्मू-कश्मीर के चिकित्सीय संस्थानों में हुए अध्ययन में मिली जानकारी
  • वैज्ञानिकों ने दी सलाह कोविशील्ड की एक खुराक देने पर पर्याप्त मिल रहीं एंटीबॉडी
कोरोना संक्रमण से स्वस्थ्य होने वालों को वैक्सीन की एक ही खुराक पर्याप्त है। संक्रमण के चलते इन लोगों में एंटीबॉडी विकसित होती हैं जिन्हें कोविशील्ड वैक्सीन की एक खुराक देने के बाद बढ़ाया जा सकता है। ऐसे लोगों के लिए दो खुराक देने की आवश्यकता नहीं है। वैज्ञानिकों ने यह सलाह असम और जम्मू-कश्मीर के चिकित्सीय संस्थानों में अध्ययन के आधार पर दी है। कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर अभी तक इस तरह का अध्ययन पहले कभी सामने नहीं आया है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिकों का मानना है कि संक्रमण से ठीक होने वालों को कोविशील्ड वैक्सीन की एक ही खुराक पर्याप्त है। उन्होंने यहां तक कहा है कि अगर इस सलाह पर सरकार ध्यान देती है तो वैक्सीन की कमी के बीच टीकाकरण में तेजी लाई जा सकती है क्योंकि दूसरी लहर के दौरान देश की एक बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आई है।

आईसीएमआर के असम स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और असम मेडिकल कॉलेज के इस संयुक्त अध्ययन को मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के दौरान 121 लोगों का चयन किया गया जिनमें 46 लोगों में सीरो पॉजीटिविटी पाई गई थी। जबकि अन्य 75 लोगों में यह निगेटिव थी। सीरो पॉजीटिविटी का मतलब उक्त व्यक्ति के शरीर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित होने से है।

अध्ययन के दौरान दोनों ही समूह को कोविशील्ड की एक-एक खुराक दी गई। इसके बाद 35 दिन तक उनका फॉलोअप लिया गया और फिर दूसरी खुराक दी गई जिसका अगले 35 दिन तक फॉलोअप लिया गया। जब सभी परिणामों की समीक्षा की गई तो यह पाया गया कि जिन लोगों में पहले संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी थीं उन्हें कोविशील्ड की एक खुराक लेने के बाद पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी हो गईं। ऐसे लोगों को दूसरी खुराक लेने की आवश्यकता नहीं है। जबकि अन्य समूह के लोगों के लिए दो खुराक की आवश्यकता पाई गई।

आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. विश्वज्योति बोरकाकोट्य ने अध्ययन में बताया कि बीते दो जून तक देश में 3.4 फीसदी आबादी ही कोरोना के खिलाफ इम्युन (एंटीबॉडी बनना) हो पाई है। चूंकि वर्तमान में वैक्सीन उत्पादन की क्षमता काफी सीमित है और मांग काफी ज्यादा है। ऐसी स्थिति में टीकाकरण को बढ़ाने के उद्देश्य से यह अध्ययन किया गया। उन्होंने बताया कि अध्ययन में शामिल लोगों की औसतन आयु 33.7 वर्ष थी। इसमें 45.4 फीसदी पुरुष और 54.6 फीसदी महिलाएं थीं। हालांकि उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि ऐसे अध्ययन को बड़े स्तर पर भी किया जाना चाहिए।

दूसरी खुराक का कोई असर नहीं मिला

अध्ययन के दौरान पहले संक्रमित हो चुके लोगों को जब कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई तो कुछ दिन बाद उनके शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी पाई गईं, लेकिन एक निश्चित अंतराल के बाद जब उन्हें दूसरी खुराक दी गई और उसका फॉलोअप लिया गया तो पता चला कि दूसरी खुराक से कोई बदलाव नहीं हुआ। जो लोग वैक्सीन लेने से पहले कभी संक्रमित नहीं हुए थे उन 75 लोगों की तुलना में पहले संक्रमित होने वाले 46 लोगों में पहली खुराक के बाद पर्याप्त एंटीबॉडी मिले हैं।

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