- अटल का प्रस्ताव मान लेते तो वीपी सिंह की सरकार नहीं गिरती
- वाजपेयी से वादा कर चुके करुणानिधि को सोनिया के लिए वीपी ने मनाया
- संतोष भारतीय ने यह बेहद चौंकाने वाली बात अपनी किताब `वीपी सिंह चंद्रशेखर सोनिया गांधी और मैं` में लिखी है
अन्य विधानसभा क्षेत्र
बेहट
नकुड़
सहारनपुर नगर
सहारनपुर
देवबंद
रामपुर मनिहारन
गंगोह
कैराना
थानाभवन
शामली
बुढ़ाना
चरथावल
पुरकाजी
मुजफ्फरनगर
खतौली
मीरापुर
नजीबाबाद
नगीना
बढ़ापुर
धामपुर
नहटौर
बिजनौर
चांदपुर
नूरपुर
कांठ
ठाकुरद्वारा
मुरादाबाद ग्रामीण
कुंदरकी
मुरादाबाद नगर
बिलारी
चंदौसी
असमोली
संभल
स्वार
चमरौआ
बिलासपुर
रामपुर
मिलक
धनौरा
नौगावां सादात
गुरुवार, 1 जुलाई 2021
Revealed : जब चंद्रशेखर ने नवाज शरीफ से कहा था, कश्मीर आपको दिया...
अगर यह खुलासा हो कि कभी भारत के किसी प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को कश्मीर देने की पेशकश की थी तो शायद ही कोई भरोसा करे। लेकिन देश के जाने-माने पत्रकार और पूर्व सांसद संतोष भारतीय की मानें तो प्रधानमंत्री बनते ही चंद्रशेखर ने तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलकर कहा था कश्मीर आपको दिया। संतोष भारतीय ने यह बेहद चौंकाने वाली बात अपनी किताब 'वीपी सिंह चंद्रशेखर सोनिया गांधी और मैं' में लिखी है। भारतीय के मुताबिक यह जानकारी उन्हें खुद चंद्रशेखर ने दी थी।
वीपी सिंह ने सोनिया गांधी के नाम पर विपक्ष को मनाया
इस किताब में राजीव गांधी को प्रधानमंत्री की गद्दी से उतारने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह ने किस तरह 2004 में सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए न सिर्फ वाम दलों समेत सभी भाजपा विरोधी दलों को तैयार किया बल्कि द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि जो अटल बिहारी वाजपेयी को समर्थन देने का वादा कर चुके थे, उन्हें मनाने के लिए खुद ही उनके समर्थन का पत्र लिखकर और उस पर उनके हस्ताक्षर करके उन्हें अपने खिलाफ एफआईआर कराने को भी कह दिया। तब भावुक होकर करुणानिधि ने वीपी का हाथ थाम कर सोनिया के लिए हामी भरी थी। 1977 में जनता पार्टी की जीत के बाद की एक घटना का जिक्र करते हुए संतोष भारतीय ने लिखा है कि जीतने के बाद जब पहले जेपी और फिर बाद में चंद्रशेखर, जो तब जनता पार्टी के अध्यक्ष बन चुके थे, इंदिरा गांधी से मिलने गए तो इंदिरा जी ने जेपी जिन्हें वो चाचा कहती थीं, के साथ भावुक होकर आंसुओं से भीगी आंखों से आपातकाल और बीते समय की अन्य घटनाओं को लेकर पश्चाताप किया।
चंद्रशेखर से उन्होंने कहा कि दिल्ली में उनके पास दूसरा घर नहीं है और अगर सरकार उनसे उनका मौजूदा सरकारी आवास खाली कराएगी तो वह कहां रहेंगी यह एक बड़ी समस्या है। तब चंद्रशेखर ने उनसे वादा किया कि इंदिरा जी आप यहीं रहेंगी और आपके लिए घर का इंतजाम भारत सरकार करेगी। जब चंद्रशेखर ने यह बात मोरारजी देसाई से कही जो उस वक्त प्रधानमंत्री बन चुके थे, तो मोरारजी ने कहा कि इंदिरा बेन को घर छोड़ना पड़ेगा। तब चंद्रशेखर ने अपने युवा तुर्क अंदाज में कहा कि मैं इंदिरा जी को वादा करके आया हूं और फिर मोरारजी देसाई समझ गए कि चंद्रशेखर क्या चाहते हैं। इंदिरा गांधी के लिए भारत सरकार ने सरकारी आवास का इंतजाम किया।
किताब में यह खुलासा भी किया गया है कि रथयात्रा के दौरान लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वी पी सिंह से पेशकश की कि अगर सरकार अयोध्या में पांच ईंटे रखने की इजाजत दे दे तो भाजपा समर्थन वापस नहीं लेगी और सरकार बच जाएगी। लेकिन सिंह ने मना कर दिया। किताब में राजीव गांधी और विश्वनाथ प्रताप सिंह की आखिरी बातचीत का भी ब्यौरा है जिसमें राजीव ने सिंह को तीन महीने से ज्यादा न चल पाने की चुनौती दी थी और सिंह ने उसे स्वीकार करते हुए कहा था कि अगर तीन महीने मैं चल गया तो फिर रूकूंगा भी नहीं।
'कश्मीर आपको दिया' का किस्सा
संतोष भारतीय की यह किताब प्रकाशित हो चुकी है और बाजार में उपलब्ध है। किताब के 34 वें अध्याय 'कश्मीर आपको दिया' में भारतीय ने लिखा है- 1991 में प्रधानमंत्री बनते ही उसी दिन चंद्रशेखर राष्ट्रमंडल देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के मालदीव की राजधानी माले चले गए। वहां पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी आए हुए थे। पहले नवाज शरीफ का भाषण हुआ फिर भारत के प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का। चंद्रशेखर भाषण समाप्त करके जैसे ही मंच से नीचे उतरे वहां उन्हें नवाज शरीफ दिखाई दिए जो उनकी तरफ ही बढ़े आ रहे थे। चंद्रशेखर की एक खासियत थी कि वे हर एक से अनौपचारिक व्यवहार करते थे। नवाज शरीफ जैसे ही पास पहुंचे, चंद्रशेखर ने उनके कंधे पर हाथ रखकर कहा, आप बहुत बदमाशी करते हैं। इस पर नवाज शरीफ बोले, आप बदमाशी का कारण दूर कर दीजिए। खड़े-खड़े चंद्रशेखर ने पूछा, क्या कारण है मैं दूर कर देता हूं। नवाज शरीफ ने कहा, कश्मीर हमें दे दीजिए बदमाशी दूर हो जाएगी।
चंद्रशेखर ने दस सेकेंड तक नवाज शरीफ के चेहरे को देखा और बोले, कश्मीर आपको दिया। नवाज शरीफ के चेहरे पर खुशी और सब कुछ पा लेने का भाव चमकने लगा। उन्हें लगा कि उन्होंने इतिहास को जीत लिया है। वह बोले, तो आइए बात कर लेते हैं। चंद्रशेखर और नवाज शरीफ एक छोटे से कमरे में चले गए। नवाज शरीफ ने पूछा, कैसे आगे बढ़ना है। तो चंद्रशेखर बोले, आपको एक छोटी सी घोषणा करनी है। नवाज़ शरीफ ने कहा, बताइए मैं अभी करता हूं। चंद्रशेखर ने कहा कश्मीर के साथ आपको भारत के पंद्रह करोड़ मुसलमानों को भी लेना होगा।
नवाज शरीफ चौंक गए और बोले, इसका क्या मतलब। तब चंद्रशेखर ने उन्हें समझाया, भारत में 15 करोड़ मुसलमान हैं, पूरे देश में फैले हैं और ज्यादातर मुसलमान गांवों में रहते हैं। आप जैसे ही संख्या और धर्म के आधार पर कश्मीर लेंगे वैसे ही पूरे हिंदुस्तान के गांवों से मांग उठने लगेगी कि यहां मुसलमान अल्पसंख्यक हैं इन्हें यहां से निकालो। गांव-गांव में दंगे शुरू हो जाएंगे। मेरे पास इतनी पुलिस और सेना नहीं है कि मैं गांव-गांव उन्हें तैनात कर सकूं। आगे चंद्रशेखर ने कहा, कश्मीर भारत के लिए आर्थिक रूप से फायदे का क्षेत्र नहीं है। वहां हर चीज बाहर से भेजनी पड़ती है। आर्थिक बोझ बहुत है लेकिन कश्मीर भारत के लिए धर्मनिरपेक्षता का जीता जागता प्रतीक है। कश्मीर हमारे पास है यह भारत के बाकी मुसलमानों को सुरक्षा की गारंटी तो है ही, विश्व को यह विश्वास भी दिलाता है कि भारत का संवैधानिके ढांचा धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को मानता है और सभी को बराबरी से जीने और आगे बढ़ने की गारंटी देता है।
चंद्रशेखर ने फिर कहा, आप कश्मीर के साथ 15 करोड़ मुसलमानों को लेने को तैयार हैं तो मैं घोषणा कर देता हूं। नवाज शरीफ अवाक रह गए। उस पर उन्होंने चंद्रशेखर से मुस्कुराते हुए कहा, क्या मैं आपको भाई साहब कह सकता हूं। चंद्रशेखर भी मुस्कुराए और कहा, क्यों नहीं। तब नवाज़ शरीफ ने हंसते हुए कहा, कश्मीर पर मैं भी चुप हो जाता हूं, आप भी चुप हो जाइए। दूसरी बात नवाज शरीफ ने यह कही, हम लोग हॉटलाइन लगा लेते हैं ताकि हम समस्या पैदा होने पर सीधे बात कर सकें। इसके बाद दोनों प्रधानमंत्रियों के कार्यालयों में हॉटलाइन लग गई।
वॉरियर विक्ट्री पब्लिशिंग हाउस द्वारा प्रकाशित संतोष भारतीय की इस किताब में राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी से जुड़े अनेक राजनीतिक घटनाक्रमों की उन अंतर्कथाओं का जिक्र किया गया है जिनके गवाह भारतीय खुद रहे हैं या उन्हें उन घटनाओं के प्रमुख किरदारों ने उन घटनाक्रमों की जानकारी दी। राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन के रिश्तों के अनकहे पहलू, फिल्मी सितारों की खेमेबंदी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर और राजीव गांधी के रिश्तों, कैसे फरवरी 1990 में राम मंदिर निर्माण न शुरू करने के लिए विश्व हिंदू परिषद को मनाया गया और कैसे देवीलाल और वीपी सिंह की निर्णायक मुलाकात नहीं होने दी गई जिससे जनता दल सरकार गिरने से बच सकती थी, जैसी अनेक सियासी घटनाओं में पर्दे के पीछे जो हुआ उसका खुलासा इस किताब में किया गया है।
Tags
# Bharat Rajneeti
# India news

About Bharat Rajneeti
India news
लेबल:
Bharat Rajneeti,
India news
Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan
Loan Calculator
Loan EMI
123
Total Interest Payable
1234
Total Amount
12345