12 सांसदों के निलंबन को रद कराने के लिए विपक्ष अडिग है। सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में भी विपक्ष ने शामिल होने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं उनकी मांग है कि सभी निलंबित सांसदों का निलंबन रद किया जाए।
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| Opposition will not participate in the government meeting on suspension, Pralhad Joshi said - people are also boycotting them |
नई दिल्ली, जेएनएन। 12 सांसदों के निलंबन को रद कराने के लिए विपक्ष अडिग है। सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में भी विपक्ष ने शामिल होने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं उनकी मांग है कि सभी निलंबित सांसदों का निलंबन रद किया जाए। बता दें कि आज केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने उन पांच दलों की बैठक बुलाई थी, जिनके सांसदों को अशोभनीय आचरण के लिए पूरे शीत सत्र के लिए निलंबित किया गया है। इन दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सीपीएम और सीपीआइ शामिल हैं। संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में यह बैठक सुबह 10 बजे से होनी थी।
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि हम उन विपक्षी दलों से बात करना चाहते हैं, जिनके राज्यसभा सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। वे (विपक्ष) बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं, उन्होंने संविधान दिवस के कार्यक्रम का भी बहिष्कार किया। उन्हें समझना चाहिए कि जनता भी उनका बहिष्कार कर रही है।
इसक साथ ही राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने सुबह पौने दस बजे संसद परिसर में समान विचार वाली पार्टियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में संसद में विपक्ष की रणनीति पर चर्चा होने की संभावना है। बता दें कि संसद का शीत सत्र 23 दिसंबर को खत्म हो रहा है।
बता दें कि निलंबन के बाद से सभी 12 सांसद संसद में गांधी प्रतिमा के सामने रोजाना धरने पर बैठे हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने पहले कहा था कि अगर सांसद सदन में अपने आचरण के लिए माफी मांगते हैं तो सरकार उनके निलंबन को रद् करने पर विचार करने के लिए तैयार है। जबकि विपक्षी नेताओं ने सरकार के माफी मांगने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि वे माफी नहीं मांगेंगे। संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में सांसदों के निलंबन को वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों द्वारा उच्च सदन में हंगामे के कारण राज्यसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा है।