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सोमवार, 27 दिसंबर 2021

Union Home Minister Amit Shah :- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पूर्व की कांग्रेस सरकारों पर करारा हमला बोला।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पूर्व की कांग्रेस सरकारों पर करारा हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि आजादी के तुरंत बाद पंडित मदनमोहन मालवीय जी  (Pandit Madanmohan Malviya) को भारत रत्न मिल जाना चाहिए था लेकिन हमें बड़ा खेद होता है कि यह कार्य 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पूरा हुआ। शाह ने पंडित मदनमोहन मालवीय (Pandit Madanmohan Malviya) के योगदान को याद करते हुए कहा कि महामना ने कई संगठनों में काम किया... आज आप सोच भी नहीं सकते कि कोई एक ही समय में कांग्रेस और हिंदू महासभा का मुखिया हो सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पूर्व की कांग्रेस सरकारों पर करारा हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि आजादी के तुरंत बाद पंडित मदनमोहन मालवीय जी को भारत रत्न मिल जाना चाहिए था लेकिन बड़े दुख की बात है कि ऐसा नहीं हुआ।

मालवीय जी व्यक्ति नहीं वरन एक संस्‍थान थे (Malviya ji was not a person but an institution.)

अमित शाह रविवार को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर (NDMC Convention Center) में पंडित मालवीय के 160वें जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। शाह ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय जी व्यक्ति नहीं वरन एक संस्‍थान थे। आजादी की लड़ाई उन्होंने सिर्फ राजनेता के तौर पर नहीं लड़ी बल्कि एक पत्रकार के तौर पर और वकालत के जरिए भी लड़ी। मात्रभाषा, भारतीय संस्कृति और भारतीयता का एक साथ उद्घोष करने वाले एक मात्र स्वतंत्रता सेनाना पंडित मदन मोहन मालवीय जी थे। स्वधर्म, स्वभाषा, भारतीय संस्कृति और स्वराज इन चारों

चीजों को शिक्षा के साथ बुनना और आधुनिक शिक्षा से युक्त युवाओं को देश के पुननिर्माण में लगाना इस उद्देश्य को उस जमाने में मालवीय जी ने जमीन पर उतार

एक साथ कई संस्‍थाओं और संगठनों में काम किया (Worked in several organizations and organizations at the same time)

गृह मंत्री ने कहा कि पं. मालवीय एक सफलतम वकील के साथ साथ भारतीय परंपरा के पोषक और चिंतक भी थे। उनके मृदुभाषी व्‍यक्तित्‍व की इससे बड़ी मिसाल और क्‍या होगी कि उन्‍होंने एक साथ कई संस्‍थाओं और संगठनों में काम किया... यहां तक कि वैचारिक मतभेद रखने वाली संस्‍थाओं में भी लंबे समय तक काम किया। मौजूदा वक्‍त में आप सोच भी नहीं सकते कि कोई व्‍यक्ति एक ही समय में कांग्रेस और हिंदू महासभा का मुखिया हो सकता है।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना बड़ी उपलब्‍ध‍ि (Establishment of Banaras Hindu University a big achievement)

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय जी हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत इन तीनों भाषाओं के ज्ञाता थे, इन तीनों भाषाओं में धाराप्रवाह भाषण दे सकते थे। उन्होंने 'मकरन्द' उपनाम से कविताएं भी लिखी थी, जो खूब छपी थी। मालवीय जी की कथनी और करनी में कभी भी अंतर नहीं रहा। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का सवाल है तो मैं अभी भी मानता हूं कि मालवीय जी के जीवन की सभी उपलब्धियों में सबसे बड़ी कोई उपलब्धि है तो वो काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना है।

हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति की रक्षा से ही विश्व कल्याण (World welfare by protecting Hindutva and Indian culture)

शाह ने कहा कि मालवीय ने बहुत पहले ही लिखा था कि हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति की रक्षा से ही विश्व में मानवता का कल्याण हो सकता है। उनके विशाल व्यक्तित्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि परस्पर विरोधी विचारों वाले दो संगठनों कांग्रेस और हिंदू महासभा दोनों के एक ही समय में अध्यक्ष रहे। उन्होंने कांग्रेस के अधिवेशनों में वंदेमातरम और मंगला चरण का गायन शुरू कराया। उनके जैसा व्यक्तित्व करोड़ों वर्षों में धरती पर एक बार जन्म लेता है। हजारों राजाओं के बराबर सम्मान प्राप्त करने के बाद भी उन्होंने भिक्षुक की तरह जीवन व्यतीत किया।

नई शिक्षा नीति उनके विचारों को बढ़ाएगी आगे (New education policy will take forward his ideas)

अमित शाह ने कहा कि आधुनिक भारतीय राष्ट्रवाद की नींव डालने का श्रेय पं. मदन मोहन मालवीय को जाता है। भारतीय शिक्षा और भारतीय भाषा में शोध के आधार पर रोजगार के अवसर पैदा करना उनका ही विचार था। नई शिक्षा नीति उनके विचारों को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने हिंदी को समृद्ध बनाने के लिए प्रयागराज में हिंदी साहित्य सम्मेलन की स्थापना की। गंगा को निर्मल रखने के लिए हरिद्वार में गंगा महासभा की स्थापना की। हरिद्वार में हरि की पौड़ी पर गंगा को लाना उनके ही प्रयास से संभव हुआ।

पुस्तक का विमोचन भी किया (also released the book)

कार्यक्रम के दौरान दौरान शाह ने मालवीय मिशन की अब तक की यात्रा पर आधारित मिशन यात्रा पुस्तक का विमोचन भी किया। इस अवसर विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जयंत सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के उत्तर क्षेत्र के संघचालक सीताराम व्यास और महामना मालवीय मिशन इंद्रप्रस्थ शाखा के महासचिव शक्तिधर सुमन भी मौजूद रहे।

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