वाराणसी। मुख्यमंत्री से लगायत सत्ता पक्ष के तमाम नेता बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए पहले से कमर कसकर तैयार हैं। खुद प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के हालत पर नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने जिले के आला अफसरों को खुद आदेश दिया। इसके बावजूद लंका थाने के पीछे नगवा में बाढ़ राहत शिविर की व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठा गया हैं। यहां रविवार को ही शिविर में आई 32 वर्षीया महिला रूबी सहानी (रूबी सहानी) की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। स्थिति यह है कि उसके पति का इसी साल निधन हो चुका है। तीन बच्चे हैं। बच्चों के साथ जीवन यापन के लिए वह अपने मायके आई थी। यहां भी बाढ़ ने उसे चैन से रहने नही दिया। किराये के कमरे में बाढ़ का पानी आने से वह शिविर में आई थी। शिविर की व्यवस्था ने उसकी जान ही ले ली। आश्चर्य इस बात पर है कि रविवार को ही जिलाधिकारी से अधीनस्थों के साथ इस बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया था।

बाढ़ का पानी गंगा के तटवर्ती इलाकों में तेजी से प्रवेश कर रहा है। कई लोग घर छोड़ पलायन कर चुके हैं और कई पलायन की तैयारी कर रहे हैं। राजघाट मोहल्ले की रूबी सहानी के पति कल्लू सहानी की एक साल के अंदर ही मौत हो चुकी है। उसके तीन बच्चे बेटा कृष्णा 18 वर्ष, अंजलि 10 वर्ष और छोटा बेटा अजय 8 साल का है। पति के निधन के बाद रूबी के पास बच्चों को पालने के लिए कोई व्यवस्था नही थी। ऐसे में नगवा के गंगाबाग कोलोनी में रहनेवाली रूबी की मां बेबी सहानी ने बेटी को अपने पास बुला लिया। इसलिए कि यहां रहकर वह मेहनत मजदूरी कर बच्चों को पाल लेगी। मां ने यहां किराये का कमरा दिला दिया। रूबी रह रही थी।

लेकिन बाढ़ के पानी ने उसे और उसके परिवार को यहां भी चैन से रहने नही दिया। मां बेबी सहानी ने बताया कि रविवार को ही रूबी बच्चों के साथ टेंट से बने बाढ़ राहत शिविर में आई थी। पंखा चल रहा था तभी रूबी ने पंखे को हाथ से सीधा करने की कोशिश की। पंखे में करंट उतर रहा था। अचानक रूबी पंखे से चिपक गई। उस समय शिविर में बिजली मिस्त्री तार लगा रहा था। मिस्त्री ने तत्काल पंखे से जुड़े बिजली के तार को खींचा लेकिन रूबी पंखे से छूटकर गिरी तो फिर नही उठी। मां की हालत देख तीनों बच्चे चीखने-चिल्लाने लगे। शिविर में अफारातफरी मच गईं। महिला की मौत तो वही हो चुकी थी लेकिन औपचरिकता के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। मां बेबी सहानी और उसके बच्चे बिलख रहे थे।

बच्चों के सिर से पिता का साया पहले हट चुका था और अब मां का साथ भी छूट गया। गरीबी ऐसी की पूछिए मत। बच्चों के भविष्य पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है। क्षेत्र के पार्षद डॉ. रवि कुमार सिंह ने बताया के शिविर में पंखे में करंट उतरने से महिला की मृत्यु हो गई है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। इसलिए कि पीड़ित परिवार को सरकारी मदद मिल सके। दूसरी ओर सरकारी मदद तो इस परिवार को कब मिलेगी इसका पता नही। लेकिन अभी तो इस परिवार के पास दाह संस्कार और क्रिया कर्म के पैसे तक नही हैं। इस घटना से शिविर में मातम पसर गया है।