2019 लोकसभा चुनाव: यूपी में घिरेंगे पक्ष-विपक्ष के दिग्गज, मोदी की राह में खड़े होंगे हार्दिक!

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की संसदीय सीट अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की सक्रियता सांसद से कम नहीं है। 2014 में नजदीकी मुकाबले में हारने के बाद स्मृति ने अमेठी को दूसरा घर बना लिया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में अमेठी तक की सीट जीत बीजेपी ने यह अहसास करा दिया है कि 2019 में कांग्रेस को और पसीना बहाना होगा।
योजनाओं, अभियानों और कार्यक्रमों के जरिए स्मृति की आक्रामक मौजूदगी से साफ है कि 2019 में वे अमेठी सीट से ही चुनाव लड़ेंगी। अब बीजेपी ने सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में भी फोकस बढ़ा दिया है। पिछले साल ही अमित शाह ने यहां से कांग्रेस से एमएलसी रहे दिनेश प्रताप सिंह को बीजेपी में शामिल कर झटका दिया था।

...तो मोदी की राह में खड़े होंगे हार्दिक!
लोकसभा चुनाव में बनारस के साथ ही ओडिशा के पुरी से पीएम नरेंद्र मोदी की दावेदारी के कयास जितने तेज हैं, उतनी ही चर्चा बनारस में हार्दिक पटेल की साझा उम्मीदवारी की भी है। यूपी में महागठबंधन की संभावनाओं के बीच बनारस में विपक्ष एक ही साझा उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम कर रहा है। पिछली बार जब मुकाबले में अरविंद केजरीवाल थे तब मोदी को बनारस में 56 फीसदी वोट मिले थे।
सूत्रों के अनुसार गुजरात में बीजेपी की नाक में दम करने वाले हार्दिक के नाम पर विपक्ष की नजर इसलिए भी है कि बनारस संसदीय क्षेत्र में कुर्मी वोटरों की भी अच्छी तादाद है। दूसरे हार्दिक के आक्रामक तेवरों से मिलने वाली हाइप का फायदा दूसरी जगहों पर भी मिल सकेगा। बनारस में मोदी पर दबाव बनाने का एक फायदा यह भी होगा कि मोदी सहित बीजेपी के रणनीतिकारों को बनारस पर अधिक फोकस बढ़ाना पड़ेगा जिससे दूसरी जगहों पर चुनाव प्रचार प्रभावित होगा।
राजनाथ की राह में भी बिछेंगे रोड़े!
लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह की राह में भी 2019 में विपक्ष की कवायद मजबूत रोड़े अटकाने की है। सूत्रों की मानें तो अगर महागठबंधन हुआ तो लखनऊ सीट से कांगेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी दावेदार हो सकते हैं। 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ राजबब्बर ने 36 फीसदी वोट हासिल किया था।
राज बब्बर के नाम पर कयास इसलिए भी लग रहे हैं कि कांग्रेस के फिलहाल लखनऊ में कोई मजबूत चेहरा भी नहीं है। पिछली बार बीजेपी को चुनौती देने वाली रीता बहुगुणा जोशी इस समय योगी सरकार में मंत्री हैं। हालांकि योगी सरकार ने यूपी बेसिक शिक्षा पे काम बहुत किया है, फिर भी अभी कुछ पांच विधानसभा चुनाव के नतीजों और संभावित गठबंधन के स्वरूप पर निर्भर करेगा।