पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम से अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभावः जेटली - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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मंगलवार, 16 अक्तूबर 2018

पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम से अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभावः जेटली

पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम से अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभावः जेटली

अरुण जेटली
अरुण जेटली
देश को निरंतर उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर बनाये रखने और त्वरित निर्णय के लिये केन्द्र में मजबूत और निर्णय करने में समर्थ सरकार का होना जरूरी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि हमें अपनी अर्थव्यवस्था को इतना मजबूत बनाना होगा कि हम कच्चे तेल के ऊंचे दाम और गिरते रुपये की चुनौतियों का आसानी से मुकाबला कर सकें। 
जेटली यहां उद्योग मंडल एसोचैम की 98वीं सालाना बैठक को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। यदि देश को उच्च वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाते रहना है, उच्च राजस्व और अधिक संसाधन लगातार प्राप्त करते रहना है और देश में बेहतर ढांचागत सुविधाओं के लक्ष्य को हासिल करना है तो केन्द्र में मजबूत और निर्णायक नेतृत्व होना जरूरी है।

तेल की कीमतों से अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव 

वित्त मंत्री ने देश के समक्ष चुनौतियों का जिक्र करते हुये कहा कि भारत तेल का शुद्ध आयातक देश है। विश्व बाजार में कच्चे तेल की कृत्रिम तौर पर कमी पैदा कर दाम बढ़ाये जा रहे हैं। इसका अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा इस स्थिति का मुकाबला करने के लिये हमें तैयार रहना होगा। हमें इसका सामना करने के लिये क्षमता पैदा करनी होगी।

आईएलएंडएफएस का दिया उदाहरण

वित्त मंत्री ने अपनी बात को और स्पष्ट करने के लिए आईएलएंडएफएस कंपनी को संभालने की कार्रवाई का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा यदि आज कमजोर नेतृत्व होता तो कर्ज के बोझ से दबी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सविर्सिज (आईएलएंडएफएस) के मामले को उस तरह से नहीं संभाल सकता था जैसा कि मौजूदा सरकार ने किया है। एक उभरते संकट को को तुरंत संभाल लिया गया।’’ 

उल्लेखनीय है कि आईएलएंडएफएस और उसके समूह की कंपनियां इस समय कर्ज नहीं चुका पा रही हैं। सरकार ने फटाफट कार्रवाई करते हुए उसके निदेशक मंडल को हटाकर उसकी जगह उदय कोटक की अध्यक्षता में एक नया बोर्ड बिठा दिया है।

लगातार बढ़ रहे हैं पेट्रोल के दाम

इस समय कच्चे तेल के ऊंचे दाम से महंगाई बढ़ने का खतरा भी खतरा है क्यों कि इससे देश में पेट्रोलियम ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं। जेटली ने सरकार के समक्ष खड़ी तमाम राजनीतिक चुनौतियों का जिक्र करते हुये कहा कि ये सभी उस अस्थिर गठबंधन और महत्वकांक्षी राजनीतिज्ञों द्वारा पैदा की गई हैं जो किसी तरह सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इस समय भारत को ऐसे व्यक्तियों की जरूरत नहीं जिसके पास नीतियों और दिशा की समझ नहीं है। भारत को ऐसा गठबंधन भी नहीं चाहिए जो अंदर से ही अस्थिर हो। 

इस समय जरूरत है तो ऐसी सरकार और नेतृत्व की आवश्यकता है जिसकी दिशा और सोच स्पष्ट हो ताकि भारत अपनी वर्तमान विशिष्ट स्थिति को बरकरार रखा जा सके जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने दुनिया में एक आकर्षक स्थान स्थान बताया है। भारत की इस स्थिति को अगले दो दशक तक बनाये रखना है।’’ 

भारतीय अर्थव्यवसथा ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में 8.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल की है। पिछले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही थी। जेटली ने कहा कि कुछ देशों की घरेलू नीतियों की वजह से उनका भारत पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह के प्रभाव दीर्घकालिक नहीं होंगे और अस्थाई रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवसथा के रूप में हममें इन चुनौतियों का सामना करने की क्षमता है।’’ 

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