सार्वजनिक बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी घटाकर कम से कम 52 % पर लाने की जरूरत: वित्त मंत्रालय(Finance Minister)
![सार्वजनिक बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी घटाकर कम से कम 52 प्रतिशत पर लाने की जरूरत: वित्त मंत्रालय अरुण जेटली](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2018/10/31/750x506/arun-jaitley_1540998277.jpeg)
सरकार की हिस्सेदारी कम करने से बैंकों को बाजार नियामक सेबी के नियमों को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। सेबी के मुताबिक, सूचीबद्ध कंपनियों को कम से कम 25 प्रतिशत शेयरों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराना होता है। कुछ सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से ज्यादा है।
हिस्सेदारी घटने से बैंक कर्ज से जुड़े नियमों का पालन करने के लिये प्रोत्साहित होंगे। कुमार ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिये क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के एकीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान में केंद्र की आरआरबी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि 35 प्रतिशत प्रायोजक बैंकों और 15 प्रतिशत हिस्सेदारी राज्य सरकारों की हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय स्टेट बैंक ने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री की प्रक्रिया शुरू की है। क्यूआईपी के बाद सरकार की हिस्सेदारी कम हो जायेगी। मौजूदा समय में सरकार की स्टेट बैंक में 58.53 प्रतिशत हिस्सेदारी है।