CM Yogi का बड़ा एलान, Noida-Greano के बाद अब UP के इन दो शहरों को बनाएंगे आइटी हब

प्रदेश में निवेश की नई संभावनाएं को आगे बढ़ाने में हमें बहुत मदद मिलेगी। इसमें 60000 से अधिक के प्रस्ताव आए थे। इनमें ज्यादातर निवेश आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में थे। सबसे ज्यादा निवेश नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हुआ।
सम्मिट के दौरान जो प्रस्ताव आए थे वही अब अमल में लाई जा रहे हैं। पूंजी निवेश के लिए बेहतर पॉलिसी बनाई गई और आवंटन प्रक्रिया को सरल किया गया। सभी को निवेश करने की छूट दी गई। पहले निवेश करने वाले लोगों को बिना वजह प्रताड़ित किया जाता था, लेकिन भाजपा सरकार ने पॉलिसी बना कर ऐसा माहौल तैयार किया जिससे लोगों को आसानी से औद्योगिक भूखंड मिल सके।
इससे उद्यमियों का उत्पीड़न बंद हुआ। सुरक्षा का बेहतर माहौल दिया। अब कोई भी परियोजना में रुकावट पैदा नहीं होगी। प्रदेश में सिंगल विंडो सिस्टम लागू है। तत्काल उद्यमियों की फाइलों का निस्तारण किया जाता है। उद्योग लगने से ही लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
प्रदेश में लगने वाला यह पहला ग्रीनफील्ड (नए सिरे से स्थापित होने वाला) इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर होगा जिसमें सात औद्योगिक प्लाट होंगे। इस परियोजना को लगाने के लिए एक स्पेशल परपस व्हीकल टेगना इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया गया है जिसमें चीन की मोबाइल हैंडसेट निर्माता ओप्पो भी शामिल हैं। इस परियोजना को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रलय की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर स्कीम के तहत मंजूरी मिली है।
यहां मोबाइल हैंडसेट, एसेसरीज, डाटा स्टोरेज व सुपर कंप्यूटिंग सर्वर, प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) मशीन, ड्राइव वीडियो रिकॉर्डर, पावर बैंक, यूएसबी केबल, एसी एडॉप्टर और मेमोरी कार्ड बनाने वाली इकाइयां स्थापित होने की उम्मीद है। इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का मानना है कि इस तरह के क्लस्टर से दुनिया की बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स व मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को भारत में लाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। बीते चार साल में मोबाइल हैंडसेट व अन्य इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट बनाने वाली कई कंपनियों ने नोएडा में निवेश किया है। सैमसंग ने भी अपना मेगा मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पिछले वर्ष नोएडा में शुरू किया है।