Veerbhadr और Pratibha ने निचली अदालत के फैसले को High Court में दी चुनौती

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पत्नी प्रतिभा सिंह ने निचली अदालत के भ्रष्टाचार मामले में आरोप तय करने संबंधी फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उनकी याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हो सकती है।
पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआई जज अरुण भारद्वाज ने आय से अधिक संपत्ति एकत्र करने के मामले में वीरभद्र सिंह, प्रतिभा सिंह समेत नौ आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोप तय किए थे।
जज ने कहा था कि इन लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। इस मामले में 29 जनवरी को सुनवाई होनी है। अदालत ने आदेश में कहा था कि वीरभद्र सिंह व आनंद सिंह चौहान ने साजिश के तहत एक नए सहमति पत्र पर पिछली तारीख में दस्तखत किए थे ताकि यह ऐसा लगे कि यह दस्तावेज 15 जून 2008 को अमल में लाया गया था।
सीबीआई का आरोप है कि वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। जांच के दौरान उनकी संपत्ति घोषित आय से 192 फीसदी अधिक पाई गई थी।
जांच एजेंसी ने इन सभी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं 109, 465, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2), उपधारा 13(1)(ई) के प्रावधानों के तहत 500 पेज की चार्जशीट तीन अप्रैल 2017 को दाखिल की थी। उसने चार्जशीट में 225 गवाहों व 442 दस्तावेज का हवाला दिया था।
सीबीआई ने 23 सितंबर 2016 को वीरभद्र, प्रतिभा सिंह, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान और एक सहयोगी चुन्नी लाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पांच नवंबर 2016 को वीरभद्र सिंह की याचिका हिमाचल प्रदेश से दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दी थी।