गुजरात: क्या पाटन सीट से हरिभाई को मौका देगी बीजेपी? - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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बुधवार, 30 जनवरी 2019

गुजरात: क्या पाटन सीट से हरिभाई को मौका देगी बीजेपी?

बनासकांठा लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री हरिभाई चौधरी ने इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है |





उत्तर गुजरात में आने वाली पाटन लोकसभा सीट फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के पास है. राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण पाटन सीट से फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के लीलाधर वाघेला सांसद हैं, लेकिन चुनाव से पहले ही इस सीट पर विवाद हो गया है. बनासकांठा लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री हरिभाई चौधरी ने इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इस इलाके में जिग्नेश मेवाणी के रूप में एक नए नेता सामने आए हैं, जिन्होंने दलितों की आवाज उठाते हुए आरएसएस और बीजेपी को टारगेट किया है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

इस लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ था, और बहादुर सिंह ठाकोर के रूप में निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली थी. इसके बाद 1962 का चुनाव कांग्रेस ने जीता. 1967 में स्वतंत्र पार्टी, 1971 में नेशनल कांग्रेस (O), 1977 में भारतीय लोकदल ने यहां से बाजी मारी. 1980 के चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के उम्मीदवार रंछोड़दास परमार ने चुनाव जीता. 1984 में कांग्रेस को यहां से जीत मिली. 1989 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई और इस चुनाव में जनता दल के खेमचंद चावड़ा ने चुनाव जीता.

1991 के आम चुनाव में इस सीट पर पहली बार बीजेपी को जीत मिली, जब महेश कनोडिया ने चुनाव जीता. इसके बाद 1996 और 1998 के चुनाव में भी यह सीट बीजेपी के नाम हुई. कांग्रेस ने फिर वापसी की और 1999 के चुनाव में महेश कनोडिया ने चुनाव जीता. 2004 में फिर बीजेपी आई और 2009 में कांग्रेस के जगदीश ठाकोर यहां से सांसद बनें. 2014 में बीजेपी के टिकट पर लीलाधर वाघेला ने बाजी मारी.

सामाजिक ताना-बाना

2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की आबादी 23,17,424 है. इसमें 84.98% ग्रामीण और 15.02% शहरी आबादी है. पाटन लोकसभा क्षेत्र मेहसाणा, बनासकांठा और पाटन जिले के अंतर्गत आती है. अनुसूचित जाति की संख्या यहां 9.67% और अनुसूचित जनजाति 1.15% है. पाटल जिले की बात की जाए तो यहां करीब 11 फीसदी मुस्लिम आबादी है.

पाटन लोकसभा क्षेत्र के अधीन वडगाम, चाणास्मा, खेरालू, कांकरेज, पाटन, राधनपुर और सिद्धपुर है. 2017 के विधानसभा चुनाव में राधनपुर से कांग्रेस, चाणस्मा से बीजेपी, पाटन से कांग्रेस, सिद्धपुर से कांग्रेस, कांकरेज से बीजेपी, खेरालू से बीजेपी और वडगाम से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जिग्नेश मेवाणी ने जीत दर्ज की थी.

जिग्नेश मेवाणी गुजरात में बीजेपी के खिलाफ मुखर होने तीन युवाओं में से एक हैं. ओबीसी समाज से आने वाले अल्पेश ठाकोर, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और दलित समाज से आने वाले जिग्नेश मेवाणी ने मिलकर बीजेपी की नीतियों का पुरजोर विरोध किया है. अल्पेश ठाकोर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का हिस्सा बन गए थे, लेकिन जिग्नेश मेवाणी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बाजी मारी. हालांकि, कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार न उतारकर उनका अप्रत्यक्ष तौर पर समर्थन किया था.

2014 का जनादेश

  • लीलाधर वाघेला, बीजेपी- 518,538 वोट (54.3%)
  • भावसिंह राठौड़, कांग्रेस- 379,819 (39.7%)
  • 2014 चुनाव का वोटिंग पैटर्न
  • कुल मतदाता- 16,28,641
  • पुरुष मतदाता- 8,46,195
  • महिला मतदाता- 7,82,446
  • मतदान- 9,55,799 (58.7%)

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

लीलाधर वाघेला गुजरात के वयोवृद्ध नेताओं में शुमार किए जाते हैं. उनकी उम्र 83 साल है. लीलाधर वाघेला का गुजरात विधानसभा की राजनीति में बड़ा दखल रहा है. 1975 में वह पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद पांच बार और विधायक बने. 1990 में वह गुजरात सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. इसके बाद भी वह मंत्री बनते रहे. 2014 में लीलाधर वाघेला ने विधायक पद छोड़कर सांसद का चुनाव लड़ा और पहली बार सांसद निर्वाचित हुए.

लोकसभा में उपस्थिती की बात की जाए तो उनकी मौजूदगी 79 फीसदी रही है, जो कि औसत है. जबकि बहस के मामले में उनका प्रदर्शन ठीक नहीं बेहद खराब रहा है. उन्होंने एक बार भी संसद की बहस में हिस्सा नहीं लिया. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 11 सवाल पूछे हैं.

सांसद निधि से खर्च के मामले में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. उनकी निधि से जारी 22.60 करोड़ रुपये का वह लगभग 85 प्रतिशत विकास कार्यों पर खर्च करने में कामयाब रहे हैं.

संपत्ति की बात की जाए तो एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 1 करोड़ रूपये से ज्यादा की है. इसमें 41 लाख से ज्यादा चल संपत्ति और 1 करोड़ 12 लाख रूपये से ज्यादा की अचल संपत्ति है.

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