Alok Verma को हटाने वाले पैनल में शामिल जस्टिस सीकरी ने ठुकराया Sarkar का प्रस्ताव
जस्टिस एके सीकरी
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचाट ट्रिब्यूनल (सीसैट) में नामांकन के लिए केंद्र सरकार को दी अपनी सहमति वापस ले ली है। सूत्रों ने बताया कि शीर्ष अदालत में वरिष्ठता क्रम में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बाद सबसे वरिष्ठ जज सीकरी ने रविवार शाम को इस बाबत केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी और सीसैट में नामांकन को लेकर दी गई अपनी सहमति वापस ले ली। इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को उनके नामांकन को लेकर सवाल खड़े किए थे।
सूत्रों का कहना है कि सरकार ने जस्टिस सीकरी के सीसैट में नामांकन का निर्णय सुप्रीम कोर्ट से 6 मार्च को होने वाली उनकी सेवानिवृत्ति को देखते हुए लिया था। इसको लेकर केंद्र सरकार ने पिछले महीने जस्टिस सीकरी से संपर्क किया था। इसके बाद उन्होंने इस पर अपनी सहमति जताई थी।
जस्टिस सीकरी सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को हटाए जाने वाली तीन सदस्यीय चयन समिति में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के रूप में शामिल थे। उन्होंने वर्मा को हटाए जाने के पक्ष में वोट दिया था। हालांकि, सीसैट में जस्टिस सीकरी के नामांकन की सहमति पर विवाद खड़ा हो गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने इस पर सवाल खड़े किए थे। पटेल ने रविवार को ट्वीट किया, ‘सरकार को जस्टिस सीकरी के नामांकन को लेकर स्पष्टीकरण देना होगा।’
क्या था विवाद
जस्टिस सीकरी सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा को हटाने वाली तीन सदस्यीय चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के रूप में शामिल थे। उन्होंने वर्मा को हटाने के पक्ष में वोट दिया था, जबकि समिति के तीसरे सदस्य व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया था।