आज लोकसभा में पेश किया जाएगा नागरिकता संशोधन बिल, विरोध में JDU और Shivsena
लोकसभा
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आकर बसे गैर मुस्लिमों को यहां की नागरिकता देने के प्रस्ताव वाले नागरिकता संशोधन बिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस बिल को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। बिल के विरोध में पूर्वोत्तर में प्रभावशाली आठ छात्र संगठनों सहित 40 से अधिक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने मंगलवार को 11 घंटे असम बंद का आह्वान किया है।
इससे पहले सोमवार को इस बिल का परीक्षण करने वाली संयुक्त संसदीय समिति की ओर से लोकसभा में रिपोर्ट पेश की गई। समिति में शामिल विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिल में संशोधन के जो भी प्रस्ताव दिए थे, वे बहुमत के आधार पर खारिज कर दिए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को असम में संबोधित करते हुए कहा था कि यह बिल शीघ्र ही संसद में पेश किया जाएगा।
क्या है संशोधन प्रस्ताव : पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता के लिए यहां रहने की अनिवार्यता न्यूनतम 12 वर्ष की बजाय 6 वर्ष प्रस्तावित है।
क्या विरोध है विपक्ष का : कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई (एम) सहित कुछ दलों का कहना है कि नागरिकता धर्म आधारित नहीं होनी चाहिए क्योंकि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। भाजपा की सहयोगी जदयू और शिवसेना भी इस बिल का विरोध कर रही हैं।