भविष्य में जोर पकड़ेगी OBC, SC-ST कोटा बढ़ाने की मांग
अपने मूल मतदाता अगड़ा वर्ग को साधने के लिए आम चुनाव से ठीक पहले भले ही मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग को दस फीसदी आरक्षण देने का मास्टर स्ट्रोक चल दिया है, मगर इसके कानूनी जामा पहनने की प्रक्रिया बेहद लंबी है। इससे जुड़े संविधान संशोधन बिल को बुधवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल भी गई, तब भी इसे लागू करने के लिए 50 फीसदी राज्यों की मंजूरी लेनी होगी। फिलहाल मोदी सरकार के इस सियासी दांव से विपक्षी दल पस्त हो गए हैं।
गौरतलब है 90 के दशक में वीपी सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशें स्वीकार कर पिछड़ों के लिए 27 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दी थी। मगर उसे लागू होने में दो साल से भी अधिक समय लग गया। सरकार के इस दांव के बाद भविष्य में ओबीसी और एससी-एसटी का कोटा बढ़ाने की मांग तेज हो सकती है।