Ayodhya मामले पर 5 जजों की संविधान पीठ का गठन, कल होगी सुनवाई - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

बुधवार, 9 जनवरी 2019

Ayodhya मामले पर 5 जजों की संविधान पीठ का गठन, कल होगी सुनवाई

Ayodhya मामले पर 5 जजों की संविधान पीठ का गठन, कल होगी सुनवाई



सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन कर दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ 10 जनवरी से मामले की सुनवाई करेगी। यह पीठ अभूतपूर्व होगी क्योंकि इसमें वर्तमान चीफ जस्टिस और वरिष्ठता के आधार पर भावी चार चीफ जस्टिस शामिल हैं। 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा पीठ में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ हैं। मामले में पांच सदस्यीय पीठ का गठन पूर्व जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के उस फैसले के विपरीत है, जिसमें उन्होंने मामले को पांच सदस्यीय पीठ के पास भेजने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, बृहस्पतिवार को सुबह 10:30 बजे मामले की सुनवाई होनी है। मुस्लिम पक्षकारों ने इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने का स्वागत किया है।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2010 में 2.77 एकड़ वाली विवादित जगह को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर बांटने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 14 अपील दायर की गई है। पिछले वर्ष जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो मुस्लिम पक्षकारों की ओर से मांग की गई कि इस मसले को संविधान पीठ के पास भेजा जाना चाहिए।

कानूनी जानकारों की राय जुदा

अयोध्या मामले में पांच सदस्यीय पीठ का गठन भी बहस का मुद्दा बन गया है। कानूनी जानकारों की इस मामले में राय जुदा है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बीएन खरे के मुताबिक, चीफ जस्टिस को संविधान पीठ के गठन का अधिकार है। अगर चीफ जस्टिस को लगता है कि इसमें कानूनी सवाल है तो वह ऐसा कर सकते हैं। ऐसा पहले भी हुआ है। वहीं पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल व वरिष्ठ वकील विकास सिंह का कहना है कि जब तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेजने से इनकार कर दिया था तो प्रशासनिक स्तर पर इसे पांच सदस्यीय पीठ के पास नहीं भेजा जा सकता। यह गैरकानूनी है।



सियासत भी गरमाई


सुनवाई से पहले ही इस मामले में सियासत तेज हो गई है। विहिप सहित कई हिंदू संगठन राम मंदिर का निर्माण करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। राजग के सहयोगी शिवसेना ने कहा, अगर 2019 चुनाव से पहले मंदिर नहीं बनता तो लोगों से धोखा होगा। इसके लिए भाजपा और संघ को माफी मांगनी पड़ेगी।

वहीं, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने अध्यादेश लाने का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में सभी पक्षों को सुप्रीम कोर्ट का ही आदेश मानना चाहिए।

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345