पश्चिम Bengal में Mamta Banerjee पर BJP आक्रामक क्यों?

कोलकाता से सटे उत्तर 24-परगना जिले के ठाकुरनगर की सभा में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा होने की वजह से मोदी को अपना भाषण समय से पहले खत्म करके वहां से जाना पड़ा। वहां भगदड़ और धक्कामुक्की में कई लोग घायल हो गए।
मतुआ समुदाय पर नजर
यह इलाका मतुआ समुदाय का गढ़ है। यह समुदाय वर्ष 1947 में देश विभाजन के बाद शरणार्थी के तौर पर यहां आया था। राज्य में इस तबके की आबादी लगभग तीस लाख है और उत्तर व दक्षिण 24-परगना जिलों की कम से कम पांच सीटों पर यह निर्णायक स्थिति में है। मोदी ने कहा, "इस तबके के कई लोगों को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में अत्याचार सहना पड़ा था। भारत में यह लोग समुचित सम्मान और जगह के हकदार हैं। इसी वजह से केंद्र सरकार ने नागिरकता (संशोधन) विधेयक तैयार किया है। लेकिन तृणमूल कांग्रेस इसका विरोध कर रही है।"
जब रैली में मची भगदड़
प्रदेश भाजपा नेताओं ने इस स्थिति के लिए राज्य पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। प्रदेश महासचिव प्रताप बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस के अधिकारियों की वजह से ही ऐसी स्थिति पैदा हुई। पुलिस ने भीड़ को संभालने के लिए कुछ भी नहीं किया। उन्होंने बताया कि देहरादून से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी फोन कर हालात की जानकारी ली है।
बाद में दुर्गापुर की रैली में मोदी ने ठाकुरनगर की सभा के दौरान मां-बहनों को हुई दिक्कत के लिए खेद जताते हुए माफी भी मांगी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि भगदड़ जैसी स्थिति के चलते कम से कम तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। कई अन्य महिलाओं व बच्चों को भी चोटें आई हैं। उनको प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।
मोदी का हमलावर रुख
प्रधानमंत्री ने कहा, "राज्य में सत्तारुढ़ पार्टी 'तीन टी' यानी तृणमूल तोलाबाजी टैक्स के लिए कुख्यात है। स्कूलों और कॉलेजों में दाखिले से लेकर शैक्षणिक संस्थानों और दूसरी जगहों पर नौकरियों के लिए लोगों को ट्रिपल टी का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन ऐसे हमेशा नहीं चल सकता।"
स्थानीय भाषा में संगठित रूप से अवैध उगाही को तोलाबाजी कहा जाता है। मोदी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी को राज्य के विकास की कोई फिक्र नहीं है। सिंडीकेट के जरिए फायदा नहीं मिलने की स्थिति में तृणमूल कांग्रेस किसी विकास परियोजना पर ध्यान नहीं देती। उन्होंने कहा, "तृणमूल कांग्रेस आम लोगों की उम्मीदों की हत्या कर रही है लेकिन केंद्र उनके सपनों को पूरा करेगा।"
प्रधानमंत्री ने ममता पर केंद्रीय एजंसियों को बंगाल में जांच से रोकने का आरोप लगाते हुए उनकी खिंचाई की। उन्होंने सवाल किया, "दीदी जब आपने कोई ग़लत काम नहीं किया है तो इतनी डरी हुई क्यों हैं? आप किस बात से डर रही हैं।"
महागठबंधन पर व्यंग्य
भाजपा आक्रामक क्यों?
राजनीतिक विश्लेषक मनतोष नंदी कहते हैं, "इसकी कई वजहें हैं। पहली तो पार्टी की रथयात्रा को अनुमित नहीं मिलना। इससे जहां पार्टी की कोशिशें नाकाम हुईं वहीं, एक अहम का मसला भी बन गया। उसके बाद अमित शाह की मालदा रैली के मौके पर हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति में आनाकानी और फिर शाह की पिछली रैली के बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले ने पार्टी को अपनी रणनीति में बदलाव पर मजबूर कर दिया है।"
वह कहते हैं कि दीदी पर चौतरफा हमले के लिए ही भाजपा ने आने वाले दिनों में राज्य में थोक भाव से रैलियां करने की योजना बनाई है। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई नेता शिरकत करेंगे।
नंदी कहते हैं, "बंगाल के दक्षिण इलाके में शनिवार को मोदी की दो और उत्तरी इलाके में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की दो रैलियों से भाजपा की बदली रणनीति का पता चलता है। यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने एक ही दिन बंगाल में दो-दो रैलियों को संबोधित किया है।"