9 सीटों पर प्रत्याशी ही नहीं तय कर पा रही Congress, कार्यकर्ता नाराज, बोले- कहां जाएं प्रचार करने
राहुल गांधी (फाइल फोटो)
प्रचार का समय तेजी से निकलता जा रहा है, लेकिन कांग्रेस अब तक 9 सीटों पर प्रत्याशी नहीं तय कर पाई है। इनमें लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और इलाहाबाद जैसी प्रतिष्ठित सीटें भी शामिल हैं। इससे इन सीटों पर प्रचार भी ठप है। लखनऊ में एआईसीसी की ओर से नियुक्त लोकसभा प्रभारी से कार्यकर्ता व नेता सख्त एतराज भी जता चुके हैं। लेकिन हालत जस की तस बने हैं। कांग्रेस ने प्रदेश में अब तक 64 प्रत्याशी उतारे हैं। इसके अलावा सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के लिए मुजफ्फरनगर, बागपत, कन्नौज, आजमगढ़, मैनपुरी और फिरोजबाद सीटें छोड़ दी हैं। पीलीभीत सीट अपना दल के संस्थापक स्व. सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल के समर्थक प्रत्याशी के लिए छोड़ी है। इस तरह कांग्रेस ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का निर्णय किया है।
हालांकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी के लिए भी सात सीटें छोड़ने का एलान किया था, लेकिन उसके अब तक घोषित सभी प्रत्याशी कांग्रेस के सिंबल पर ही उतारे गए हैं। इसलिए उन सीटों को कांग्रेस के खाते में ही गिना जाएगा।
नामांकन करने के लिए अब तीन दिन का ही समय बचा
लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, एटा, कैसरगंज, डुमरियागंज, मछली शहर और बलिया में कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। लखनऊ और कैसरगंज में पांचवें चरण में चुनाव है। यहां नामांकन के लिए अब सिर्फ 15, 16 और 18 अप्रैल का ही समय है। 17 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश है।
लखनऊ में प्रत्याशी की घोषणा न होने पर कार्यकर्ताओं ने लोकसभा प्रभारी व महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री अनीस अहमद के सामने शनिवार को सख्त एतराज जताया। एक पत्रकार ने इसका वीडियो बनाना शुरू किया तो एक कांग्रेसी नेता ने उसे कार्यकर्ता समझते हुए उसके साथ धक्का-मुक्की की। नतीजतन, पत्रकार का मोबाइल गिरकर टूट गया।
हालांकि, बाद में उसके पत्रकार होने का पता चलने पर माफी भी मांगी गई। इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि लखनऊ में अब उनके पास कोई काम नहीं हैं। प्रत्याशी तय नहीं हैं तो कहां प्रचार करने जाएं। किसके लिए लोगों से वोट मांगें। कमोबेश यही स्थिति बाकी आठ सीटों पर भी है।
बदायूं में प्रत्याशी, पर फिरोजबाद में नहीं
कांग्रेस ने फिरोजाबाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई अक्षय यादव के खिलाफ तो प्रत्याशी नहीं उतारा, पर बदायूं में अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव के खिलाफ सलीम शेरवानी को चुनाव मैदान में उतारा है। इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
अक्षय सपा के मुख्य महासचिव राम गोपाल यादव के पुत्र हैं। हालांकि, कुछ लोगों का यह भी कहना कि शुरुआत में यह संदेश देने के लिए कि कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ेगी, धर्मेंद्र के खिलाफ पार्टी हाईकमान ने प्रत्याशी उतारा था।
मामले पर एआईसीसी सदस्य व सांसद पीएल पुनिया का कहना है कि शेष सीटों पर भी जल्द ही प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे। पार्टी कार्यकर्ता हर लोकसभा क्षेत्र में चुनावी घोषणापत्र को लेकर घर-घर जा रहे हैं। इसलिए लगातार प्रचार का काम भी चल रहा है। लोग कांग्रेस की नीतियों के आधार पर वोट देंगे।