Amroha का महासंग्राम: 'आम' की नगरी में कोई भी बन सकता है 'खास' - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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सोमवार, 15 अप्रैल 2019

Amroha का महासंग्राम: 'आम' की नगरी में कोई भी बन सकता है 'खास'

Amroha का महासंग्राम: 'आम' की नगरी में कोई भी बन सकता है 'खास'


सचिन चौधरी-कुंवर दानिश अली-कंवर सिंह तंवर
सचिन चौधरी-कुंवर दानिश अली-कंवर सिंह तंवर
आम और ढोलक के लिए मशहूर अमरोहा में इस बार कौन खास होगा, और किसका ढोल फटेगा, कह पाना मुश्किल है। गंगा-जमुनी तहजीब वाला अमरोहा कभी किसी दल विशेष का गढ़ नहीं रहा। वर्ष 1957 में लोकसभा क्षेत्र बनने से अब तक हुए पंद्रह लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने करीब-करीब हर दल को मौका दिया है। सबसे अधिक तीन-तीन बार कांग्र्रेस और भाजपा के उम्मीदवार विजयी रहे हैं। अमरोहा में इस बार मुख्य मुकाबला वर्तमान सांसद कंवर सिंह तंवर और जनता दल (एस) से बसपा में आए गठबंधन प्रत्याशी दानिश अली के बीच माना जा रहा है। कांग्रेस के सचिन चौधरी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जी-जान से जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आादित्यनाथ, तंवर के लिए वोट मांगने आ चुके हैं। 

गठबंधन प्रत्याशी दानिश अली के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी आ चुके हैं। मायावती 15 अप्रैल को आ रहीं हैं। कांग्रेस का कोई बड़ा सितारा अभी तक नहीं आया है। यहां गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में जातिगत समीकरण है, तो भाजपा प्रत्याशी पीएम मोदी के नाम और अपने काम पर वोट मांग रहे हैं। दोनों प्रत्याशी खुद के वोट बैंक को सुरक्षित कर एक दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी में लगे है। इस सीट पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (सेकुलर) के मतलूब अहमद समेत कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं।

वर्ष 1957 में अमरोहा लोकसभा सीट बनने पर कांग्रेस के हिफ्जुर्रहमान पहले सांसद बने। दूसरी बार सांसद बने हिफ्जुर्रहमान के निधन के बाद 1963 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री हाफिज मोहम्मद इब्राहिम को हराकर निर्दलीय प्रत्याशी आचार्य कृपलानी लोकसभा पहुंचे। पूरे विपक्ष ने आचार्य कृपलानी का समर्थन किया था। प्रदेश सरकर में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान दो बार सांसद रहे चुके हैं। वर्ष 2014 में 5,28,880 वोट लेकर कंवर सिंह तंवर 1.58 लाख मतों से चुनाव जीते थे। उनके मुकाबले सपा की हुमेरा अख्तर को 3,70,66 तथा बसपा के फरहत हसन को 1,62,983 मत मिले थे।

आगे पढ़िए इस सीट से जुड़े कुछ खास तथ्य:

  • वर्ष 1957 में हुए देश के दूसरे आम चुनाव में अमरोहा लोकसभा सीट बनी। इससे पहले अमरोहा क्षेत्र मुरादाबाद वेस्ट लोकसभा में आता था।
  • अमरोहा लोकसभा में छह दशक में वोटरों की संख्या 16,43,224 हो गई है। वर्ष 1952 में हुए चुनाव में अमरोहा लोकसभा में मतदाताओं की संख्या 3,96,101 थी।
  • 1957 से 2019 तक अमरोहा लोकसभा से 233 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। इसमें सिर्फ 6 महिला प्रत्याशी रहीं है।
  • अमरोहा लोकसभा सीट पर 1957 में हुए पहले चुनाव   में कुल चार उम्मीदवार   मैदान में थे।
  • कांग्रेस के हिफ्जुर्रहमान अमरोहा के पहले सांसद बने।
  • छह दशक में सात गुना बढ़ा विजयी प्रत्याशी का मत। वर्ष 1957 में विजयी कांग्रेस उम्मीदवार को मिले थे 74,220 वोट। 5,28,880 मत मिले 2014 में वर्तमान सांसद कंवर सिंह तंवर को।
  • अमरोहा से तीन-तीन बार कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार विजयी रहे हैं।
  • चौधरी चंद्रपाल सिंह सबसे अधिक मत प्रतिशत पाने वाले सांसद रहे हैं। वर्ष 1977 के चुनाव में 59.44 प्रतिशत मत पाकर वह सांसद बने।
  • अमरोहा सीट पर अभी तक किसी सांसद ने हैट्रिक नहीं लगाई है। वर्ष 2014 में चुनाव में सबसे अधिक 70.97 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे कम वर्ष 1957 के चुनाव में 47.83 फीसदी मतदान रहा।

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