Amroha का महासंग्राम: 'आम' की नगरी में कोई भी बन सकता है 'खास'

गठबंधन प्रत्याशी दानिश अली के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी आ चुके हैं। मायावती 15 अप्रैल को आ रहीं हैं। कांग्रेस का कोई बड़ा सितारा अभी तक नहीं आया है। यहां गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में जातिगत समीकरण है, तो भाजपा प्रत्याशी पीएम मोदी के नाम और अपने काम पर वोट मांग रहे हैं। दोनों प्रत्याशी खुद के वोट बैंक को सुरक्षित कर एक दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी में लगे है। इस सीट पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (सेकुलर) के मतलूब अहमद समेत कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं।
वर्ष 1957 में अमरोहा लोकसभा सीट बनने पर कांग्रेस के हिफ्जुर्रहमान पहले सांसद बने। दूसरी बार सांसद बने हिफ्जुर्रहमान के निधन के बाद 1963 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री हाफिज मोहम्मद इब्राहिम को हराकर निर्दलीय प्रत्याशी आचार्य कृपलानी लोकसभा पहुंचे। पूरे विपक्ष ने आचार्य कृपलानी का समर्थन किया था। प्रदेश सरकर में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान दो बार सांसद रहे चुके हैं। वर्ष 2014 में 5,28,880 वोट लेकर कंवर सिंह तंवर 1.58 लाख मतों से चुनाव जीते थे। उनके मुकाबले सपा की हुमेरा अख्तर को 3,70,66 तथा बसपा के फरहत हसन को 1,62,983 मत मिले थे।