Corruption पर लगेगा अंकुश : शहर में PDS के लाभार्थी अब किसी भी दुकान से ले सकेंगे अनाज
सांकेतिक तस्वीर
खास बातें
- अगले तीन महीने में व्यवस्था पूरे नगरीय क्षेत्रों में लागू करने का फैसला
- कोटेदारों की सहूलियत के लिए उनकी दुकान पर उपलब्ध कराया जाएगा खाद्यान्न
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार व पारदर्शिता के लिए नई तकनीक को तवज्जो
प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में नई तकनीक का इस्तेमाल कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के साथ लाभार्थियों और कोटेदारों की सहूलियत बढ़ाने जा रही है। इस पहल के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के शहरी लाभार्थियों को शहर की किसी भी दुकान से खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा देने की तैयारी है। इसके अलावा कोटेदारों की दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने का प्रस्ताव है। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राशन दुकानों पर कायम भ्रष्टाचार पर अंकुश की कारगर पहल के बाद कई महत्वपूर्ण नए कदम उठाने का फैसला हुआ है। पहला, प्रदेश के शहरी उपभोक्ताओं को उनके नगर की किसी भी दुकान से राशन प्राप्त करने की सुविधा दी जाएगी।
यह कार्यवाही अगले तीन महीने के भीतर पूरी कर प्रदेश केशहरी क्षेत्रों में लागू कर दी जाएगी। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में इस सुविधा का विस्तार करने पर विचार होगा। इसके अलावा प्रदेश के समस्त कोटेदारों की दुकान तक खाद्यान्न पहुंचाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
इससे खाद्यान्न उठान के बाद बंटने के पहले ही बेंच देने, कालाबाजारी करने जैसी शिकायतें खत्म हो जाएंगी। तय समय पर कोटेदार को खाद्यान्न उपलब्ध हो सकेगा। इस व्यवस्था के क्रियान्वयन के लिए टेंडर से जुड़ी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
अधिकारी ने बताया कि सभी नई व्यवस्थाएं टाइमलाइन तय कर लागू करने का निर्देश दिया गया है। इसकी प्रगति की नियमित रूप से उच्च स्तर से मानीटरिंग की जाएगी।
इन नए कार्यों के भी प्रस्ताव
कोटेदारों को इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर तौलकर मिलेगा खाद्यान्न कोटेदारों को कम खाद्यान्न मिलने की शिकायत के समाधान के लिए समस्त ब्लॉक स्तरीय गोदामों पर इलेक्ट्रॉनिक मशीन (इलेक्ट्रानिक वेयिंग स्केल) लगाने का निर्णय लिया गया है। इससे कोटेदारों को सही वजन में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा सकेगा।
लखनऊ व कानपुर के गोदामों में प्रायोगिक तौर पर यह प्रयोग हो रहा है। पहले चरण में 150 गोदामों पर 5 मीट्रिक टन तौल क्षमता वाली मशीनें लगाने की कार्यवाही शुरू करवा दी गई है। आगे बाकी ब्लाकों में भी लगाया जाएगा।
सभी ब्लॉक गोदामों पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
इसी तरह ब्लॉक गोदामों पर खाद्यान्न वितरण की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। प्रयोग के तौर पर लखनऊ के मोहनलालगंज व ऐशबाग गोदाम पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर खाद्यान्न की निकासी की जा रही है।
खाद्यान्न ढुलाई वाले समस्त वाहनों में लगेंगे जीपीएस
इसी तरह सार्वजनिक वितरण प्रणाली में परिवहन की नई व्यवस्था को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके अंतर्गत खाद्यान्न ढुलाई करने वाले सभी वाहनों का केंद्रीयकृत स्तर पर पंजीकरण शुरू कराया गया है।
खाद्यान्न की ढुलाई करने वाले वाहनों की केंद्रीय निगरानी के लिए सभी वाहनों में जीपीएस लगेगा। गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी जैसे मंडलों में वाहनों में जीपीएस लगवा दिए गए हैं। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी।
ई-पॉस मशीन से 492 करोड़ बची सरकारी सब्सिडी
प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए सबसे पहले ई-पॉस मशीन का प्रयोग किया। शहरी क्षेत्रों की समस्त राशन दुकानों पर इस मशीन की स्थापना का काम पूरा हो गया है। इस मशीन से लाभार्थी का सत्यापन कर खाद्यान्न वितरण करने से जुलाई 2017 से फरवरी 2019 तक 492.36 करोड़ सरकारी सब्सिडी की बचत हुई है।
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में इस मशीन से सत्यापन कर राशन वितरण से प्रति माह करीब 100 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। प्रदेश की 72002 राशन दुकानों पर इस मशीन से राशन वितरण का काम हो रहा है।