सियासी पिच पर Mayawati-Akhilesh ने की जमकर बल्लेबाजी, आरोपों के चौके-छक्कों से बांधा समा
सभा को संबोधित करते पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
यूपी के जालौन में कोंच रोड स्थित मदरसा मैदान में भारी भीड़ के बीच 40 डिग्री से अधिक के तापमान पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव ने क्रिकेट मैच की तरह दोनों ओर से जमकर बल्लेबाजी की। मायावती ने कांग्रेस और भाजपा को निशाने पर रखकर शॉट लगाए तो अखिलेश की ओर से पीएम व सीएम पर लगे चौके छक्कों पर भी खूब शोर हुआ। पंडाल में मौजूद समर्थकों ने किसी क्रिकेट मैच के दर्शकों की तरह अपने अपने बल्लेबाजों यानि नेताओं का उत्साह बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पूरा मैच इन्हीं दोनों नेताओं की बल्लेबाजी पर ही खत्म हुआ, साथ में आई टीम के खिलाड़ी राज्यसभा सांसद सतीश मिश्रा, मायावती के भतीजे आकाश और सपा नेताओं को बोलने की जरूरत ही नहीं महसूस हुई। सभा यानी मैच की ओपनिंग बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर हमलावर तरीके से की। आजादी के बाद से बनी सरकारों से लेकर अब तक की कांग्रेस की न्याय योजना की समीक्षा चंद मिनटों में ही कर डाली। कहा कि कांग्रेस ने गरीबों के प्रति अच्छा प्रदर्शन किया होता तो यूं सत्ता से बाहर का रास्ता न देखना पड़ता।
चायवाला और चौकीदार कुछ नहीं चलेगा इस बार- अखिलेश
इसके बाद उनके निशाने पर पीएम मोदी आए तो कहा कि इस बार चौकीदार की कोई भी नौटंकी काम न करेगी, प्रधानमंत्री पिछड़े होने का नाटक करते हैं, जबकि असली पिछड़े तो मुलायम सिंह हैं। मोदी ने कभी भी दबे कुचले और शोषितों का उत्थान नहीं किया न करेंगे।
भाजपा घोषणा पत्र जारी करती है और गठबंधन कहने पर नहीं करने पर विश्वास करता है। इसके बाद बारी थी पूर्व सीएम अखिलेश की तो उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर प्रधानमंत्री के साथ सूबे के मुखिया को ही लपेटना मुनासिब समझा।
कहा कि पीएम कितने भी जुमले फेंक ले, कुछ होने वाला नहीं है। चायवाला और चौकीदार कुछ नहीं चलेगा इस बार। यूपी को बुलेट ट्रेन मिली नहीं। नोटबंदी और जीएसटी के गलत फैसले भी भाजपा को भारी पड़ेंगे। सीएम के लिए कहा बाबा को लैपटाप चलाना नहीं आता, इसलिए युवाओं को वे लैपटाप बांटते भी नहीं है। गठबंधन के डर से भाजपा की भाषा भी बदली हुई है।
मैदान से होने लगी मोदी की तुलना
इसी मदरसा मैदान पर फरवरी 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने जनपद में पहली बार जनसभा की थी, जिसमें भी भारी भीड़ उमड़ी थी। उसके बाद यह दूसरी जनसभा थी, लिहाजा वहां मौजूद भीड़ को देखकर निकलने वाले लोग मोदी की सभा से कम और ज्यादा रही भीड़ की चर्चा करते नजर आए।
भले ही सभा गठबंधन की रही हो लेकिन सपाइयों के प्रति अखिलेश अपना लगाव छिपा न सके और जाते वक्त युवा सपाइयों की भीड़ की ओर जाकर हाथ हिलाया, जिससे समर्थक भी काफी उत्साहित हो गए। अखिलेश का हेलीकॉप्टर देखकर समर्थकों ने शोर के साथ उनका स्वागत जो किया था।
आकाश को गुरु की तरह देते रहे मंत्र
मायावती के भतीजे आकाश सभा के दौरान अपनी बुआ से दूर और अखिलेश व सतीश मिश्रा के अधिक नजदीक रहे। सतीश कभी भीड़ की ओर इशारा कर आकाश को कुछ बताते रहे तो वहीं बीच-बीच में अखिलेश भी आकाश से बुदबुदाते दिखे। मंच पर सभी के खड़े होने के वक्त अखिलेश ने ही आकाश को अपने पास खड़े होने का इशारा किया।