लोकसभा चुनाव 2019: दो हैवीवेट उम्मीदवारों के बीच फंसी तिवारी की सीट

खास बातें
2014 में मोदी लहर में भोजपुरी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी ने पूर्वांचली मतदाताओं के बूते कांग्रेस के कद्दावर नेता जय प्रकाश अग्रवाल को तीसरे नंबर धकेल दिया था। उन्हें ब्राह्मण, वैश्य, जाट, पंजाबी बिरादरी का भी खुलकर साथ मिला था। हालांकि इस बार चूंकि तीनों उम्मीदवार पूर्वांचल से ही हैं, ऐसे में पूर्वांचली मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए तीनों युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। अब तिवारी के समक्ष मोदी का व्यक्तित्व और राष्ट्रवाद ही सहारा है।
पूर्वांचल के 25 से 28% वोटों पर जंग
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और आप के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप पांडे तीनों इस सीट के 25 से 28 फीसदी पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं। बीते चुनाव में मनोज तिवारी को इनका खुलकर समर्थन मिला था। यही कारण है कि आप और कांग्रेस ने भी पूर्वांचल से जुड़े नेताओं को ही मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने जय प्रकाश अग्रवाल की जगह पूर्व सीएम दीक्षित पर भरोसा जताया है। वे खुद के कन्नौज से होने का प्रचार कर रही हैं। वहीं, आप उम्मीदवार खुद को गाजीपुर और तिवारी खुद को बनारसी बताने में लगे हुए हैं।