आतिशी और मनीष सिसोदिया - फोटो : Bharat Rajneeti
अभद्र भाषा वाले पर्चे बंटवाने विवाद में आरोप-प्रत्यारोप जारी है, वहीं इस बीच ये खबर सामने आ रही है कि एक अखबार बांटने वाले को अखबार में इस पर्चे को डालकर बांटने के लिए पैसे दिए गए थे। उस समाचार पत्र विक्रेता ने बताया कि उसे 300 पर्चे अखबार में डालकर दिल्ली के योजना विहार और सविता विहार में बांटने के लिए पैसे दिए गए थे। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार नाम न बताने की शर्त पर समाचार पत्र विक्रेता ने बताया कि मुझे एक विक्रेता से गुरुवार की सुबह 300 पर्चे मिले थे और मैंने उन्हें अखबार में रख दिया। इसके बाद मेरे कर्मचारियों ने उन अखबारों को योजना विहार के ए और सी ब्लॉक के साथ ही सविता विहार के घरों में बांट दिया। ऐसे पर्चों का स्टैंडर्ड रेट 15 रुपए प्रति 100 पंफलेट है और मुझे उसी के हिसाब से पैसे मिले थे। ये पंफलेट विवेक विहार के बी ब्लॉक मार्केट में कुछ विक्रेताओं को दिए गए थे जहां हर रोज हम लोग सुबह 5.30 बजे इकट्ठा होते हैं।
योजना विहार और आईपी एक्सटेंशन के दो घरों ने ये बात मानी कि उनके घर अखबार के अंदर वो पर्चे आए थे। जब इस बात के बारे में समाचार पत्र विक्रेता एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रमाकांत से पूछा गया तो वो बोले कि हमारे विक्रेताओं ने ऐसा कोई पर्चा नहीं बांटा है। हम हमेशा पर्चे का कंटेंट पढ़कर ही उसे बंटवाते हैं। पिछले आठ दिनों से हम आतिशी की उपलब्धियों वाले पर्चे ही बांट रहे हैं।
आईपी एक्सटेंशन के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि उनके घर तीन अखबार आते हैं और तीनों में ही ये पर्चा आया था। उस वक्त मैंने इस पर इतना ध्यान नहीं दिया लेकिन बाद में जब यह बात इतनी बड़ी हो गई तो मुझे यह महसूस हुआ कि और लोगों को भी ये पर्चा मिला होगा।