Bharat Rajneeti Exclusive: सचिन पायलट बोले, कांग्रेस की सरकार बनी तो राहुल ही होंगे प्रधानमंत्री - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

सोमवार, 13 मई 2019

Bharat Rajneeti Exclusive: सचिन पायलट बोले, कांग्रेस की सरकार बनी तो राहुल ही होंगे प्रधानमंत्री

sachin-pilot_1557696353
सचिन पायलट (फाइल फोटो):Bharat Rajneeti
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट का कहना है, अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री होंगे। राष्ट्रवाद भाजपा के लिए एक जुमला है, जबकि कांग्रेस के लिए एक जज्बा। चुनाव को लेकर सचिन पायलट से विनोद अग्निहोत्री की विशेष बातचीत- राजस्थान में कांग्रेस कितनी सीटें जीतने की उम्मीद है।
राजस्थान में परंपरा रही है कि विधानसभा चुनावों में जो पार्टी जीतती है, लोकसभा चुनावों में भी उसका ही पलड़ा भारी रहता है। हमें उम्मीद है कि 2009 और 2014 की तरह इस बार भी एसा ही होगा। वैसे हमारा मिशन 25 है जैसे पिछली बार भाजपा ने सभी 25 सीटें जीती थी, इस बार कांग्रेस का लक्ष्य सभी 25 सीटें जीतना है। वैसे भी केंद्र की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले पांच सालों में लोगों को निराश ही किया है।

क्या विधानसभा चुनावों की तरह इस बार भी टिकट बंटवारे में गड़बड़ हुई।
इस बार हमने जिला तहसील और ब्लाक स्तर तक के कार्यकर्ताओं और नेताओं से सलाह मशविरा करके सभी 25 सीटों पर टिकट दिए गए हैं। बतौर प्रदेश अध्यक्ष मैं कह सकता हूं कि इतने व्यापक और लंबे विचार विमर्श के बाद पहली बार टिकट वितरण हुआ है। जबकि इसके उलट भाजपा ने चार सांसदों और एक मंत्री का टिकट काटा और एक सीट समझौते में दी। इससे भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष रहा।

विधानसभा चुनावों में भी नतीजों से पहले कांग्रेस 150 सीटें जीतने का दावा कर रही थी। लेकिन जब नतीजे आए तो 99 पर आकर रुक गई। क्या लोकसभा चुनावों में भी ऐसा नहीं होगा क्योंकि नरेंद्र मोदी के तूफानी प्रचार से स्थितियां काफी हद तक बदल भी जाती हैं।
नरेंद्र मोदी जी ने विधानसभा चुनावों में भी तूफानी प्रचार किया लेकिन भाजपा की हार नहीं बचा सके। पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा की 200 में 165 सीटें आईं और इस बार 70 रह गईं। उन्हें 95 सीटों का नुकसान हुआ, जबकि कांग्रेस की 21 सीटें आईं थीं जो अब 101 हैं। यानी हमने 80 सीटें बढ़ाईं। इस तरह जो स्विंग है वह कांग्रेस के पक्ष में साढ़े बारह फीसदी का है जो अप्रत्याशित है। यही दिशा लोकसभा चुनावों में भी रहेगी।

भाजपा का सीधा सवाल है मोदी के सामने कौन। कांग्रेस के पास इसका क्या जवाब है।
ये कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। असली मुद्दा है किस तरह देश को भाजपा और मोदी सरकार से छुटकारा मिले। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल और जिन राज्यों में हमारा गठबंधन नहीं है, वहां भी दूसरे दल भाजपा को हराने में जुटे हैं। राहुल जी खुद कह चुके हैं कि चुनाव नतीजे आते ही और भाजपा के हारते ही आधे घंटे में सारे दलों के नेता बैठकर इस मसले को सुलझा लेंगे। जहां तक कांग्रेस की बात है तो भाजपा के मुकाबले कांग्रेस ही सबसे बड़ा राष्ट्रीय दल है और राहुल गांधी हमारे नेता हैं। कांग्रेस की सरकार बनी तो राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री होंगे, लेकिन अंतिम निर्णय सारे दलों के नेता चुनाव बाद मिलकर लेंगे।

क्या कांग्रेस को अकेले पूर्ण बहुमत मिलेगा।
कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर अपनी सरकार बनाने के लिए ही चुनाव लड़ रही है। बहुमत मिलने के बाद भी हम अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे।

लोकसभा चुनावों में भाजपा के राष्ट्रवाद के जवाब में कांग्रेस का मुख्य मुद्दा क्या रहा।
कांग्रेस का नजरिया साफ है कि चुनाव जनता के बुनियादी मुद्दों पर होने चाहिए। कांग्रेस ने देश के आर्थिक संकट और ऐतिहासिक रूप से बढ़ी बेरोजगारी और किसानों की बदहाली के मुद्दों पर चुनाव लड़ा है। हमने अपनी न्याय योजना को जनता के सामने रखा। जीडीपी का छह फीसदी शिक्षा पर खर्च करने, सरकारी नौकरियों में खाली पड़े 24 लाख पदों को एक साल में भरने, स्वास्थ्य का अधिकार देने जैसे सकारात्मक मुद्दों पर चुनाव लड़ा है।

यानि राष्ट्रवाद को आप मुद्दा नहीं मानते।
भाजपा जुमलेबाज पार्टी है और उसके दो तरह के जुमले हैं। एक स्थाई जुमले दूसरे मौके के हिसाब से गढ़े गए मौकापरस्त जुमले। पाकिस्तान, राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और समान नागरिक कानून उसके स्थाई जुमले हैं जो हर चुनाव में उठाए जाते हैं। मौके के हिसाब से बोले जाने वाले जुमले हैं जैसे दो करोड़ रोजगार हर साल, 15 लाख रुपए सबके खाते में, किसानों की आमदनी दुगनी हो जाएगी वगैरह। जबकि कांग्रेस स्थाई और सकारात्मक मुद्दों पर चुनाव लड़ती है। राष्ट्रवाद कांग्रेस के लिए एक जज्बा है चुनावी जुमला नहीं, लेकिन भाजपा के लिए यह मौकापरस्त जुमला है।

आपके हिसाब से इस बार भाजपा के मौके के हिसाब से अस्थाई जुमले क्या हैं।
इस बार भाजपा के हर व्यक्ति के सिर पर छत जैसे वादे घर में घुस कर मारेंगे जैसे दावे उसके चुनावी जुमले हैं। जबकि भाजपा को अपनी सरकार के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड पर चुनाव लड़ना चाहिए कि उसने जो वादे 2014 में किए थे,उनमें कितने पूरे किए। नोटबंदी जब की गई थी तब दावा किया गया था कि इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सलवाद आदि का खात्मा होगा, लेकिन क्या एसा हुआ। इसके बाद पठानकोट, उडी, पुलवामा जैसे आतंकवादी हमले हुए। नक्सलवादी हमले भी बढ़े हैं। मोदी जी सिर्फ भाषण देकर चुनाव जीतना चाहते हैं जबकि जनता काम पर वोट देती है।

राजस्थान एक सीमावर्ती राज्य है और फौज और सुरक्षा बलों में यहां के लोग बड़ी तादाद में जाते हैं। क्या जिस तरह पुलवामा के बाद वायुसेना ने बालाकोट में आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की, क्या उसका फायदा भाजपा को नहीं मिलेगा।
राजस्थान की जनता बेहद समझदार है। उसे पता है कि आतंकवाद के खिलाफ अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए भाजपा सेना और सुरक्षा बलों की बहादुरी की आड़ ले रही है। सेना के शौर्य का श्रेय लेने की भाजपा की इस हरकत को लोग स्वीकार नहीं करते। लोग उन मुद्दों पर वोट देते हैं जो उनकी जिंदगी से सीधे जुड़े होते हैं। भावनाओं को उभार कर की जाने वाली राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलती। विधानसभा चुनावों में भी योगी आदित्यनाथ ने अली बजरंग बली का भाषण दिया था। लोगों ने उसे स्वीकार नहीं किया। जनता जानना चाहती है कि पांच साल मोदी जी सरकार केंद्र में रही और राज्य में वसुंधरा जी की सरकार रही तो राजस्थान में कितने हवाई अड्डे बने, कितने स्कूल कालेज बने, पानी की समस्या कितनी दूर हुई। कितने अस्पताल बने। कितने कारखाने लगे। सात करोड़ की राजस्थान की आबादी के लिए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने क्या किया। बात इस पर होनी चाहिए।

भाजपा का कहना है कि विधानसभा चुनावों में जो किसानों की कर्ज माफी का वादा कांग्रेस ने किया था, लेकिन कोई कर्ज माफी नहीं हुई।
बिल्कुल गलत बात है। 18 हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी हमने की है,सहकारी बैंकों और भूमि विकास बैंको की। जो सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायिक बैंक हैं वो भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन हैं, उनके साथ बातचीत चल रही है, लेकिन आचार संहिता लग जाने की वजह से बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई। जैसे ही चुनाव प्रक्रिया पूरी होगी,सरकार उन बैंकों से लिए गए कर्ज को भी माफ करवाएगी। हमने कर्ज माफी की जो सीमा 50 हजार रुपए तक रखी थी, उसे भी हटा दिया है।

जो पहली बार के मतदाता हैं भाजपा का दावा है कि वो नरेंद्र मोदी के पक्ष में हैं।
पांच साल पहले की परिस्थिति अलग थी। तब युवा और पहली बार के मतदाताओं में मोदी जी के प्रति एक उम्मीद थी। लेकिन पाचं साल की मोदी सरकार के कामकाज को लेकर अब युवाओं में निराशा है। खासकर बेरोजगारी जिस तरह बढ़ी है उसने युवाओं में असंतोष पैदा किया है। भाजपा नेताओं और प्रधानमंत्री के जुमले अब उन्हें आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं। युवा और पहली बार के मतदाता समझदार हैं और वो देख रहे हैं कि उनके लिए किसके पास सकारात्मक योजना है। इसलिए भाजपा से उनका मोहभंग हो चुका है और भारी संख्या में उनका समर्थन कांग्रेस को मिलेगा।

राजस्थान में बसपा के अलग से चुनाव लड़ने से कांग्रेस को कितना नुकसान होगा।
बसपा पहली बार चुनाव नहीं लड़ रही है। हर बार चुनाव लड़ती है। वैसे भी लोकसभा चुनावों में मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही होता है। छोटे दलों को कोई ज्यादा वोट नहीं मिलते हैं।

अगर केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनती है तो क्या सचिन पायलट केंद्र में आएंगे ।
मैं साढ़े पांच साल से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हूं और हम सबने मिलकर दिन-रात मेहनत करके राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाई है। पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है उसे मैं जयपुर में ही रहकर निभाना चाहता हूं।

क्या वजह है कि प्रियंका गांधी ने राजस्थान में ज्यादा प्रचार नहीं किया।
प्रियंका जी के आने से लोगों खासकर नौजवानों और महिलाओं में बहुत उत्साह है। हम चाहते थे कि वह राजस्थान में और ज्यादा प्रचार करें, लेकिन उनके ऊपर उत्तर प्रदेश और देश के तमाम हिस्सों में प्रचार की जिम्मेदारी है, इसलिए ज्यादा समय नहीं मिल पाया, लेकिन उन्होंने जितना प्रचार किया उससे भी लोगों में काफी उत्साह है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनौती दी है कि कांग्रेस में अगर हिम्मत है तो दिल्ली, मध्य प्रदेश और पंजाब में राजीव गांधी के नाम से चुनाव लड़ ले।
राजीव गांधी जी पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी बेहद अशोभनीय थी। सिर्फ कांग्रेस ने ही नहीं पूरे देश ने इसे निंदनीय और शर्मनाक माना है। जहां तक चुनाव लड़ने की बात है तो शायद मोदी जी को जानकारी नहीं होगी कि कांग्रेस कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर चुनाव अपने नेताओं गांधी, नेहरू, पटेल, शास्त्री, इंदिरा, राजीव की प्रेरणा, संरक्षण और उनके नाम से ही लड़ती है। इसलिए इस तरह चुनौती देने की बजाय प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल के पांच साल के कामों पर चर्चा करें।

इन दिनों राजनीति में जिस तरह भाषा और सामान्य शिष्टाचार की मर्यादा का उल्लंघन हो रहा है, उस पर क्या कहेंगे।
यह बेहद दुखद है कि इन दिनों राजनीतिक शिष्टाचार और भाषा की मर्यादा का लगातार उल्लंघन हो रहा है। यह सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि सामान्य शिष्टाचार और भाषा की मर्यादा बनाए रखें।वरना आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

260

Total Interest Payable

32483

Total Amount

62483