प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : ए-सैट और चौथे चरण के चुनाव में चरम पर रहे
मोदी को सर्च करने की उत्सुकता आचार संहिता लगने के बाद तेजी से बढ़ी, 27 मार्च को ए-सैट लॉन्च, 3 अप्रैल को राहुल गांधी द्वारा न्याय की घोषणा और 29 अप्रैल को चौथे चरण के मतदान के दौरान सर्वाधिक रही। वहीं गुजरात में मोदी को सर्च करने पर ग्राफ का आंकड़ा 87 के स्तर पर रहा, आंध्र प्रदेश में यह मात्र 16 और पंजाब में 23 ही पर रहा। 33 प्रमुख शहरों में से वे वडोदरा में 100, गाजियाबाद में 84 और सूरत में 76, व कोयंबटूर में 13, लुधियाना व चंडीगढ़ में 24 के स्तर पर रहे।
राहुल गांधी : सुप्रीम कोर्ट से माफी ने करावाया सबसे ज्यादा सर्च
राहुल को नागरिकों ने सबसे ज्यादा सर्च नकारात्मक वजह से 22 अप्रैल को किया। इस दिन उन्हाेंने सुप्रीम कोर्ट में ‘चौकीदार चोर है’ नारे को सुप्रीम कोर्ट के हवाले से एक भाषण में कहने पर माफी मांगी थी। 30 अप्रैल को सर्च का ग्राफ 72 के स्केल पर था, वह दिन भी कोर्ट में चोर चौकीदार नारे पर दिए माफी के हलफनामे में हुई गलतियों के लिए पड़ी फटकार और फिर से माफी का था। चार और पांच अप्रैल को भी यह आंकड़ा 58 पर पहुंचा, जब वे वायनाड से नामांकन भर रहे थे और भाषण दे रहे थे। 12 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के दिन उनके सर्च का ग्राफ 57 पर रहा।
तुलना : मोदी का औसत राहुल से छह गुना ज्यादा
मोदी और राहुल के साझा विश्लेषण में सामने आया कि 10 मार्च से अब तक मोदी के सर्च का ग्राफ औसतन 72 पर रहा, राहुल का 12 पर। मोदी को 29 अप्रैल को सर्वाधिक सर्च किया गया, इसके मुकाबले राहुल को सर्वाधिक सर्च करने के दिन यानी 22 अप्रैल को ग्राफ 25 पर ही पहुंचा। जबकि इसी दिन मोदी का ग्राफ 83 पर था। किसी नेता के सर्वाधिक सर्च वाले दिन को 100 अंक दिया गया है। बाकी अंक इसी का प्रतिशत हैं। अगर 24 मार्च को पीएम मोदी को 100 लोगों ने सर्च किया तो इसकी तुलना में राहुल को 10 लोगों ने सर्च किया।
अखिलेश यादव : चुनावी चरण के साथ बढ़ती गई लोकप्रियता
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को सर्च करने की उत्सुकता चुनावी चरण के साथ बढ़ी। अखिलेश को सबसे ज्यादा सर्च 5 मई को किया गया, यह छठवें चरण मतदान से एक दिन पहले का मौका था। 10 मार्च को यह 36 के स्केल पर थी। महीने के आखिर तक 28 मार्च को यह 52 पर पहुंची। 6 मई को ग्राफ 84 पर था।
मायावती : मुलायम के लिए वोट मांगा तो हुईं सर्वाधिक सर्च
20 अप्रैल को बसपा अध्यक्ष मायावती ने जब मैनपुरी में सपा के पुराने मुखिया मुलायम सिंह के लिए वोट मांगे, वे इंटरनेट पर सर्वाधिक सर्च की गईं। आचार संहिता लगने के दिन जहां वे ग्राफ पर 22 के अंक पर थीं, आगे के चरणों में आंकड़ा बढ़ता गया। आठ अप्रैल को 65 और 16 अप्रैल को 72 से होते हुए सर्च का ग्राफ 6 मई को 69 पर रहा।
योगी आदित्यनाथ : 20 अप्रैल को हासिल की सर्वाधिक ऊंचाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर हो रही ऑनलाइन सर्च 20 अप्रैल को सर्वाधिक ऊंचाई पर पहुंची। इसके मुकाबले आचार संहिता लगने के पहले दिन यह ग्राफ पर 64 के अंक पर थी तो वहीं 6 मई तक गिरकर 59 पर रह गई।
तुलना : मायावती से भी पीछे योगी, दोगुने लोकप्रिय अखिलेश
योगी से तुलना में अखिलेश और मायावती बहुत आगे रहे। अखिलेश रोजाना सर्च के ग्राफ पर औसतन 65 के अंक पर रहे। मायावती 52 के औसत पर रहीं। योगी का आंकड़ा, इन दोनों से बहुत पीछे 37 ही रहा। चुनावी समर आगे बढ़ने के साथ अखिलेश और मायावती को सर्च करने वालों की संख्या बढ़ती गई, वहीं योगी का ग्राफ गिरता गया। लोकप्रियता का अंतर भी बढ़ता गया। पांच मई को जब अखिलेश 100 के अंक पर थे, योगी केवल 39 पर, यानी करीब ढाई गुना पीछे थे।
प्रियंका गांधी : तीन गुना बढ़ा सर्च का ग्राफ
हाल ही में सोशल मीडिया पर आईं प्रियंका गांधी को इंटरनेट पर 19 मार्च को सर्वाधिक सर्च किया गया, वजह उनकी इलाहाबाद से वाराणसी यात्रा और मोदी पर दिया गया बयान कि ‘चौकीदार अमीरों के होते हैं’ बने। आचार संहिता लगने वाले दिन से उनके सर्च का ग्राफ 14 के अंक से बढ़कर 7 मई तक तीन गुना से बढ़कर 45 पहुंचा।
ममता बनर्जी : मोदी के खिलाफ खड़े होकर पाई लोकप्रियता तीन गुना बढ़ा सर्च का ग्राफ
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को इंटरनेट पर सर्च करने में अचानक उछाल आया जब उन्होंने 6 मई को प्रधानमंत्री को अपने भाषण कठोर शब्दों से नवाजा। इसके मुकाबले 10 मार्च को उनका ग्राफ 36 के अंक पर था, 24 अप्रैल को यह बढ़कर 80 पर पहुंचा और सात मई को 77 पर रहा।
तुलना : प्रमुख मुख्यमंत्रियों में सबसे आगे ममता
चुनावों के दौरान ममता बनर्जी को सर्च करने वालों की संख्या इंटरनेट पर लोकप्रिय माने जाने अरविंद केजरीवाल से अधिक रही। दोनों का रोजाना का सर्च औसत क्रमश: 17 व 15 रहा। वहीं एन चंद्रबाबू नायडू 15, के चंद्रशेखर राव 11 और नवीन पटनायक 5 के स्तर पर रहे।