गुना: सिंधिया राजघराने की सबसे मजबूत सीट, पांचवीं बार ज्योतिरादित्य हैं चुनावी मैदान में - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शनिवार, 11 मई 2019

गुना: सिंधिया राजघराने की सबसे मजबूत सीट, पांचवीं बार ज्योतिरादित्य हैं चुनावी मैदान में



ज्योतिरादित्य सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया: भारत राजनीती
मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट सिंधिया परिवार का अभेद किला रहा है। आजादी के बाद से गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया राजघराने का ही वर्चस्व कायम रहा है। लोकसभा के पिछले चार चुनावों से गुना लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया जीतकर संसद पहुंचते रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के जयभान सिंह को 1 लाख 20 हजार के वोटों के भारी अंतर से हराया था। इस सीट से सिंधिया परिवार से राजमाता विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ही ज्यादातर जीतते आए हैं। गुना सीट पर 1957 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से अब तक कांग्रेस ने यहां 9 चुनावों में जीत का परचम लहराया है। जबकि भाजपा ने गुना सीट पर चार बार जीत दर्ज की है और एक बार ये सीट जनसंघ के खाते में गई है। भाजपा ने  गुना की सीट केवल तब ही जीत पाई जब ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा।  विजयाराजे के बाद भाजपा कोई भी ऐसा उम्मीदवार उतारने में असफल रही जो माधव राव और ज्योतिरादित्य सिंधिया को टक्कर दे सके। राजपरिवार के दबदबे के कारण गुना लोकसभा की सीट कांग्रेस के लिए मजबूत सीट मानी जाती है। साल 2001 में माधवराव सिंधिया के निधन के बाद उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2002 में यहां से उप चुनाव लड़ा और गुना की जनता उन्हें जबरदस्त वोट देकर संसद पहुंचाया था। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस ने पांचवीं बार गुना संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा है। बीते चार चुनाव उन्होंने लगातार जीते हैं। इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार के. पी. यादव से है। यादव कभी सिंधिया के करीबी और उनके सांसद प्रतिनिधि हुआ करते थे। यह संसदीय क्षेत्र सिंधिया घराने के प्रभाव वाला क्षेत्र है। इसी संसदीय क्षेत्र के शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया बीजेपी की विधायक हैं। भाजपा ने  के.पी. यादव को यहां के ओबीसी और यादव वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए उतारा है।
 

गुना लोकसभा के तहत विधानसभा की आठ सीटें आती हैं। जिसमें से चार भाजपा और चार कांग्रेस के खाते में हैं। जातिय समीकरण के हिसाब से देखें तो गुना लोकसभा सीट पर मुख्यतः हिन्दु, मुस्लिम और जैन समाज के लोग हैं। पिछड़ी जातियों के लिहाज से देखें तो 18.11 फीसदी लोग अनुसूचित जाति से हैं जबकि 13.94 प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति के हैं। कृषी ही गुना के लोगों काल मुख्य रोजगार है। चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 16 लाख के करीब मतदाता थे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। फिलहाल वो कांग्रेस के महासचिव हैं पार्टी ने उन्हें  लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश पश्चिमी का प्रभार सौंपा है। गुना का सियासी समीकरण जो भी कहता हो लेकिन सच ये है कि इस सीट पर सिंधिया परिवार की तीन पीड़ियों की राज करने की परंपरा बरकार है। 2014 को लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूज ज्योतिरादित्य ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य ने भाजपा के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा को हराया था।

गुना लोकसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर विजयाराजे सिंधिया ने चुनाव लड़ा था। उन्होंने हिन्दु महासभा के वीजी देशपांडे को मात दी थी। 1999 के लोकसभा के चुनाव के बाद इस सीट पर कांग्रेस की बदशाहत बरकारार रही है। गुना लोकसभा सीट पर छठे चरण के 12 मई को वोट डाले जाएंगे।

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