मायावती का किनारा,वोटिंग खत्म होते ही सरकार बनाने की तैयारी में एनडीए संग यूपीए भी ठोंक रहा ताल

इधर, विपक्ष भी सरकार बनाने को ठोंक रहा ताल
सात चरणों में संपन्न हुए चुनाव के नतीजों से पहले सोनिया गांधी ने 23 मई को दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। एग्जिट पोल में निगेटिव रिपोर्ट के बावजूद विपक्ष को पूरा भरोसा है कि उन्हें इस लोकसभा चुनाव में मौका मिल सकता है। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एनडीए विरोधी दलों से संपर्क साधने और रणनीति बनाने को लेकर चर्चा करने के लिए बुलाने की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ, पी चिदंबरम और अन्य वरिष्ठ नेताओं को दी है।
वहीं, दूसरी ओर आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू भी अपने मिशन में लगे हैं और पिछले तीन दिनों से लगातार अलग-अलग पार्टी के नेताओं से मुलाकातें कर रहे हैं। चंद्रबाबू कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, सीताराम येचुरी से मुलाकात कर चुके हैं।
मायावती की यूपीए से दूरी, सोनिया से मुलाकात नहीं
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी जहां मायावती को महत्व देना चाहती हैं, वहीं मायावती उनसे किनारा करतीं नजर आ रही हैं। 23 मई को होने वाली बैठक से पहले मायावती के दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की चर्चा को बहुजन समाज पार्टी ने खारिज कर दिया है। सोमवार को बसपा ने स्पष्ट किया कि मायावती दिल्ली में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होंगी। वरिष्ठ बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि सोमवार को मायावती लखनऊ में ही रहेंगीं और सोनिया गांधी से दिल्ली में उनके मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है।