मोदी 2.0 : पसंद और प्रमोशन की जिद पर छूटे जदयू और अपना दल

सूत्रों का कहना है कि अपना दल को ले कर भी इसी तरह की स्थिति बनी। मंत्री पद को ले कर पार्टी से प्रारंभिक चर्चा की गई थी। तब पार्टी ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री रही अनुप्रिया पटेल को तरक्की देने की मांग की। इसके बाद अपना दल से कोई संपर्क नहीं किया गया और ना ही अपना दल ने अपनी ओर से भाजपा नेतृत्व के साथ संपर्क किया। गौरतलब है कि मोदी की नई टीम में लोकसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं रखने वाले आरपीआई, एक सीट वाले अन्नाद्रमुक और दो सीट वाले अकाली दल को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
दूसरा विस्तार जल्द तय
चूंकि पहली बार शपथ लेने वालों की संख्या 50 से कम है। ऐसे में मोदी मंत्रिमंडल का जल्द दूसरा विस्तार भी तय है। दरअसल भाजपा किसी भी कीमत पर जदयू को नाराज नहीं करना चाहेगी। इसके अलावा महाराष्ट्र में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम को शिवसेना की राज्य मंत्री के रूप में एक और पद की मांग पूरी करनी होगी। पार्टी यूपी में अपनी अहम सहयोगी अपना दल को भी लंबे समय तक नाराज नहीं रखना चाहेगी। फिर पीएम मोदी की योजना सौ दिनों के अंदर सभी मंत्रालयों के पांच साल का खाका हर हाल में खींचना है। ऐसे में जल्द विस्तार के अलावा सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है।