पीएम मोदी की नई टीम : सहयोगियों की गुत्थी सुलझी, अपनों में ऊर्जावान और बेहतर प्रदर्शन को तरजीह - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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गुरुवार, 30 मई 2019

पीएम मोदी की नई टीम : सहयोगियों की गुत्थी सुलझी, अपनों में ऊर्जावान और बेहतर प्रदर्शन को तरजीह

पीएम मोदी की नई टीम : सहयोगियों की गुत्थी सुलझी, अपनों में ऊर्जावान और बेहतर प्रदर्शन को तरजीह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी - फोटो : bharat rajneeti
बृहस्पतिवार को मोदी सरकार की दूसरी पारी शुरू होने से पूर्व भाजपा ने पीएम मोदी की नई टीम के मामले में सहयोगियों की भागीदारी की गुत्थी सुलझा ली है। अब पार्टी की ओर से मंत्री बनाए जाने वाले चेहरों पर पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच मंथन का दौर जारी है। माथापच्ची सीधे-सीधे जनता से जुड़े मंत्रालयों मसलन कृषि, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, पेयजल, कौशल विकास और स्वास्थ्य मंत्रालयों के लिए ऊर्जावान और बेहतर प्रदर्शन करने वाले चेहरों पर है। मंत्रिमंडल में पुराने वरिष्ठ चेहरे बने रहेंगे, जबकि ज्यादातर राज्य मंत्रियों की जगह नए चेहरे को शामिल किया जाएगा।
बुधवार को पीएम मोदी और शाह की पांच घंटे की मैराथन बैठक में सहयोगियों की गुत्थी सुलझाई गई। सूत्रों के मुताबिक सहयोगी शिवसेना और जदयू को एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का पद दिया जाएगा। शिवसेना को स्वतंत्र प्रभार वाला मंत्रालय मिल सकता है। लोजपा और अकाली दल को कैबिनेट मंत्री का एक-एक पद, जबकि अपना दल और अन्नाद्रमुक को राज्य मंत्री का एक -एक पद दिया जाएगा। 

जदयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शाह से मुलाकात कर पार्टी की ओर से नाम भी शाह को सौंप दिया है। लोजपा पहले ही घोषित कर चुकी है कि इस बार भी रामविलास पासवान ही सरकार में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। जबकि अपना दल से अनुप्रिया पटेल मंत्री बनेंगी। हालांकि अकाली दल से हरसिमरत कौर मंत्री बनेंगी या उनके पति सुखबीर सिंह बादल इस पर सस्पेंस है। हालांकि पीएम मोदी कौर को ही मंत्री बनाए जाने के पक्ष में हैं।

जेटली पर सस्पेंस खत्म सुषमा पर कायम

अरुण जेटली केपीएम को स्वास्थ्य कारणों से मंत्री न बनाए जाने के अनुरोध के साथ ही इस मामले को सस्पेंस खत्म हो गया है। हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर सस्पेंस कायम है। पीएम मोदी उन्हें दोबारा विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी देना चाहते हैं। हालांकि सुषमा भी अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए मंत्री नहीं बनना चाहती। बहरहाल वित्त मंत्री के पद के लिए पीयूष गोयल के नाम की चर्चा है। 

जनता से जुड़े मंत्रालयों पर माथापच्ची

खुद पीएम मोदी और पार्टी ने वर्ष 2022 तक कई क्षेत्रों के लिए कई अहम घोषणा की हैं। इसमें किसानों की आय दोगुनी करने, सबको पक्का मकान देने, सभी घरों तक बिजली पहुंचाने, पेयजल संकट दूर करने, सिंचाई योजनाओं को द्रुत गति से पूरा करने जैसा वाद सीधे सीधे जनता की अपेक्षाओं से जुड़ा है। ऐसे में मंथन इस बात पर हो रही है कि इन मंत्रालयों का प्रभार ऐसे किस चेहरे को दिया जाए जो ऊर्जावाद होने के साथ ही बेहतर नतीजे देने वाले साबित हों। 

सड़क यातायात, उड्डयन और रेल मंत्रालय हो सकते हैं एक

नई सरकार राजमार्ग, सड़क यातायात, नागरिक उड्डययन और रेल मंत्रालय को एक ही मंत्रालय में विलय कर सकती है। इस पर गंभीर मंथन हुआ है। चर्चा है कि अगर विलय हुआ तो इन मंत्रालयों की एकमुश्त जिम्मेदारी नितिन गडकरी को दी जाएगी, जिन्होंने बतौर राजमार्ग मंत्री बेहतर कार्य किया है। चूंकि सरकार की योजना इस कार्यकाल में राजमार्गों और पीएम ग्रामीण सड़क योजना केतहत सड़कों की लंबाई डेढ़ गुना बढ़ाना है। इसलिए बेहतर प्रदर्शन कर चुके गडकरी को ही इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी।

आज चयनित सांसदों से मिल सकते हैं शाह

बीते कार्यकाल की तरह भाजपा कोटे के संभावित मंत्रियों से पार्टी अध्यक्ष शाह अपने निवास पर मिल कर उन्हें मंत्री बनाने की सूचना दे सकते हैं। बीते कार्यकाल में भी शाह ने ऐसा ही किया था।

शाह की भूमिका पर सस्पेंस कायम

पार्टी अध्यक्ष शाह सरकार में शामिल होंगे या नहीं इस पर सस्पेंस है। एक धड़े का कहना है कि 2021 तक केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार और दिल्ली जैसे महतवपूर्ण राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण शाह बतौर अध्यक्ष एक और कार्यकाल ले सकते हैं। हां, अगर वह मंत्री बने तो उनकी इच्छा जनता से सीधे जुड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने की होगी। ऐसी स्थिति में पार्टी की कमान महासचिव भूपेंद्र यादव को भी दी जा सकती है।

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