गैर-भाजपा सरकार की कोशिशों की कमान अब सोनिया के हाथ : लोकसभा चुनाव परिणाम 2019

आज 17वीं लोकसभा के नए सांसद घोषित हो जाएंगे। इसके लिए संसद एक बार फिर सज-धजकर तैयार हो गई है। संसद के अधिकारी नवनिर्वाचित माननीयों के स्वागत के लिए तमाम व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने में जुटे हैं। चूंकि सारी कवायद कुर्सी की है तो कुर्सियों का रेला भी निकल पड़ा है। इन सबके अलावा चुनावी कड़वाहट के बीच अब मुंह मीठा करने की बारी है तो देश में जगह जगह मिठाइयां भी तैयार करवाई जा रही हैं।
गैर-भाजपा सरकार बनाने की कवायद की कमान अब सोनिया गांधी ने अपने हाथों में ले ली है। उन्होंने बृहस्पतिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के कोर-ग्रुप की बैठक बुलाई है। साथ ही सभी सहयोगी दलों के नेताओं से फोन पर बात कर शाम तक दिल्ली पहुंचने का आग्रह किया है। कांग्रेस नेता न सिर्फ वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेताओं बल्कि बीजू जनता दल के शीर्ष नेताओं से बात कर रहे हैं।
उनकी योजना राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर अनुरोध करने की है कि यदि कांग्रेस और साथी दलों के सांसदों की संख्या एनडीए के सांसदों से अधिक है तो सरकार बनाने के उनके दावे को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। लेकिन यह तभी संभव होगा जब एनडीए बहुमत से दूर रह जाए। विपक्षी दलों के नेताओं को विश्वास है कि परिणाम एग्जिट पोल के नतीजों से अलग होंगे। लोकसभा त्रिशंकु होगी और अपनी एकता के आधार पर वे ही सरकार बनाएंगे। उनका यह भी दावा है कि ऐसी स्थिति में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दिग्गज नेता जगन मोहन रेड्डी और के चंद्रशेखर राव (केसीआर) अगली सरकार बनाने में न सिर्फ निर्णायक भूमिका निभाएंगे, बल्कि उनके पक्ष में ही रहेंगे।
विपक्ष का ऑफर
मंगलवार को 21 दलों के नेताओं की बैठक में मौजूद एक नेता का कहना था कि उनकी ओर से केसीआर को अगली सरकार में इतने बड़े पद का ऑफर दिया गया है जो एनडीए उन्हें दे ही नहीं सकता। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि यह प्रधानमंत्री पद का ऑफर नहीं है। माना जा रहा है कि विपक्षी नेताओं ने आपसी सहमति से केसीआर के डिप्टी प्रधानमंत्री पद का लालच दिया है।चंद्रबाबू नायडू से टकराव
विपक्षी नेताओं का मानना है कि आंध्र प्रदेश में मुख्य प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद जगन मोहन रेड्डी और तेलगू देशम पार्टी अध्यक्ष चंद्र बाबू नायडू दोनों को संयुक्त विपक्ष में समायोजित किया जा सकेगा। जब सपा-बसपा एक हो सकते हैं तो टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस में समझौता क्यों नहीं हो सकता। एक पार्टी राज्य सरकार चलाएगी और दूसरी केंद्र में सत्ता में रहेगी। या फिर केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है।
अगले 24 घंटे बेहद अहम : राहुल गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एग्जिट पोल्स को फर्जी करार देते हुए अपने कार्यकर्ताओं को सतर्क और चौकन्ना रहने का संदेश दिया है। राहुल ने ट्वीट कर कार्यकर्ताओं से आग्रह किया, अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं। सतर्क और चौकन्ना रहें। डरे नहीं। आप सत्य के लिए लड़ रहे हैं। फर्जी एग्जिट पोल के दुष्प्रचार से निराश न हों। खुद पर और कांग्रेस पार्टी पर विश्वास रखें, आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मंगलवार को एक ऑडियो मेसेज जारीकर कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे न्यूज चैनलों की ओर से प्रसारित एग्जिट पोल पर राजग को बहुमत मिलने के अनुमान पर ध्यान न दें। ब्यूरोनतीजे से पहले विपक्ष ने राष्ट्रपति के नाम तैयार किया खत
नतीजे से पहले सरकार बनाने की कवायद चल रही ही है। विपक्षी पार्टियों ने तो राष्ट्रपति को सौंपने के लिए एक खत भी तैयार कर लिया है। खत में लिखा है कि नतीजों के एलान के बाद जब 17वीं लोकसभा के गठन की अधिसूचना जारी की जाए तो हमें भी सरकार बनाने के लिए 272 सदस्यों की सूची सौंपने का मौका दिया जाए। लिहाजा हमारे अनुरोध पर विचार किया जाए। इस पत्र के साथ कानूनी विशेषज्ञों का मत भी लगाया है, जिन्होंने बताया कि खंडित जनादेश की स्थिति में किसे सरकार बनाने का आमंत्रण मिलना चाहिए। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह राष्ट्रपति के विवेक पर निर्भर करता है कि वह सबसे पहले किसे बुलाएं।
अब राज्यसभा सीटों पर भाजपा-अगप में खींचतान
गुवाहाटी। लोकसभा चुनावों के बाद असम में अब राज्यसभा की सीटों पर सत्तारुढ़ भाजपा व असम गण परिषद (अगप) में खींचतान शुरू हो गई है। नतीजों से ही पता चलेगा कि अगले महीने खाली होने वाली दो सीटों में एक अगप को मिलेगी या नहीं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एस. कुजूर का कार्यकाल खत्म होने की वजह से कांग्रेस कोटे की यह दोनों सीटें 14 जून को खाली होंगी। भाजपा ने वादे के मुताबिक इनमें से एक सीट अगप को देने का वादा किया था। लेकिन बदले सियासी समीकरणों में अब वह खुद दोनों सीटो पर उम्मीदवार उतारने का मन बना रही है।अगप महासचिव रामेंद्र नारायण कलिता कहते हैं कि लोकसभा की दस सीटों पर समर्थन के बदले भाजपा ने हमें राज्यसभा की एक सीट देने का वादा किया था। दूसरी ओर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत दास ने कहा है कि उनको ऐसे किसी समझौते की जानकारी नहीं है।